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जांच कमेटी पर टीकाकरण के बहाने बयान दर्ज करने का आरोप

नसबंदी के बाद जन्मे बच्चे के आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा विभाग की टीम पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए लीपापोती करती दिखाई दे रही है। टीकाकरण व बच्चे का प्रमाणपत्र के नाम पर प्रसूता को घर से...

नसबंदी के बाद जन्मे बच्चे के आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा विभाग की टीम पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए लीपापोती करती दिखाई दे रही है। टीकाकरण व बच्चे का प्रमाणपत्र के नाम पर प्रसूता को घर से...
1/ 2नसबंदी के बाद जन्मे बच्चे के आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा विभाग की टीम पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए लीपापोती करती दिखाई दे रही है। टीकाकरण व बच्चे का प्रमाणपत्र के नाम पर प्रसूता को घर से...
नसबंदी के बाद जन्मे बच्चे के आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा विभाग की टीम पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए लीपापोती करती दिखाई दे रही है। टीकाकरण व बच्चे का प्रमाणपत्र के नाम पर प्रसूता को घर से...
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हिन्दुस्तान टीम,रुद्रपुरWed, 14 Oct 2020 05:52 PM
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नसबंदी के बाद जन्मे बच्चे के आरोपों की जांच के लिए चिकित्सा विभाग की टीम पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए लीपापोती करती दिखाई दे रही है। टीकाकरण और बच्चे का प्रमाणपत्र के नाम पर प्रसूता को घर से अस्पताल बुलाकर टीम ने एक तरफा रिपोर्ट तैयार कर ली। इधर, पीड़िता ने जांच कमेटी पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है।

बता दें, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गूलरभोज में 27 जनवरी 2020 को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में गूलरभोज गडार बस्ती वार्ड पांच 5 निवासी सविता विश्वास (28) पत्नी पति संजय विश्वास नसबंदी कराई थी। शक होने पर कुछ महीने बाद उसने अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला जब उसकी नसबंदी हुई, उस समय वह गर्भ से थी। इसके बाद पीड़िता ने सीएमओ ऊधमसिंह नगर व सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग देहरादून को शिकायती पत्र भेजकर लपरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की। नसबंदी के करीब आठ माह बाद सात अक्तूबर को उसने बच्चे को जन्म दे दिया। वहीं, पीड़िता की शिकायत पर मंगलवार को जिला चिकित्सालय में तैनात एसीएमओ डॉ. उदयशंकर, काशीपुर अस्पताल के प्रभारी डॉ. पीके सिन्हा, डॉ.सुरेश अरोरा और एक महिला डॉक्टर पीड़िता के आरोपों की जांच के लिए गूलरभोज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पीड़िता ने आरोप लगाया उसको दवाई और टीकाकरण के नाम पर अस्पताल बुला लिया गया। इस बीच एक सादे कागज में हस्ताक्षर करा कर बाहर बैठा दिया। इधर, पीड़िता ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को लिखे पत्र में जांच टीम की कार्रवाई को एक पक्षीय बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग के साथ ही मुआवजे की मांग की है।

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