समर्थन मूल्य से कम में गेंहू खरीदा तो केस होगा
जिला प्रशासन ने किसानों के गेंहू का हर हाल में समर्थन मूल्य उनको दिलाने के लिए सख्त रूख अपना लिया है। किसानों का मानकों के अनुरूप गुणवत्ता का गेंहू तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदना अब आपदा...
जिला प्रशासन ने किसानों के गेंहू का हर हाल में समर्थन मूल्य उनको दिलाने के लिए सख्त रूख अपना लिया है। किसानों का मानकों के अनुरूप गुणवत्ता का गेंहू तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीदना अब आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60, महामारी अधिनियम 1897 और उत्तराखंड कोविड 19 रेगुलेशन 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए दंडनीय होगा।
जिलाधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत गेंहू का समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति कुंतल और राज्य सरकार की ओर से 20 रुपये प्रति कुंतल का बोनस निधारित कियाहै। ऐसे में प्रभावी मूल्य 1945 रुपये प्रति कुंतल है। जिले में सहकारिता विभाग, यूएसीएफ, नेफेड और खाद्य विभाग के कुल 142 केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इसमें 1945 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से गेंहू क्रय किया जाना है। सरकार की मंशा साफ है कि किसानों को गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य या इससे अधिक मूल्य प्राप्त हो। जिलाधिकारी ने कहा सरकारी क्रय केन्द्रों के अतिरिक्त किसान जिले में विभिन्न व्यापारियों, आटा मिलों या फ्रूड इंडस्ट्रीज को भी सीधे गेंहू बेच रहे हैं। वहीं, ऐसी भी सूचनाएं और शिकायतें आ रही हैं किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कुछ व्यापारी और संस्थाएं गेंहू की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर कर रही है। ऐसे में इस तरह के मामले सामने आने पर अब आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60, महामारी अधिनियम 1897 और उत्तराखंड कोविड 19 रेगुलेशन 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।