जमीन का विवाद नहीं सुलझा तो राज्य सरकार के निहित होगी जमीन: एसडीएम
पहेनिया टोल प्लाजा से कुटरी तक बनने वाला आठ किलोमीटर बाइपास रोड न बनने को लेकर एसडीएम निर्मला बिष्ट ने एनएच के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। सड़क निर्माण विगत तीन वर्षों से लटका हुआ है। जबकि 90...
पहेनिया टोल प्लाजा से कुटरी तक बनने वाला आठ किलोमीटर बाइपास रोड न बनने को लेकर एसडीएम निर्मला बिष्ट ने एनएच के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। सड़क निर्माण विगत तीन वर्षों से लटका हुआ है। जबकि 90 प्रतिशत लोगों को जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है। एनएच 125 में बाइपास का निर्माण कुछ ग्रामीणों की जिद के चलते रुका हुआ है। यहां जमीनें गैर थारुओं के कब्जे में हैं। जबकि राजस्व अभिलेखों में थारू काश्तकार के नाम पर जमीनें दर्ज हैं। ऐसे ही अधिकांश मामलो में थारु व गैर थारू के बीच आपसी सहमति बन गयी है। जिसके चलते पहेनिया से कुटरी तक के 90 प्रतिशत किसानों को जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है।
अब केवल दस प्रतिशत ऐसे किसान शेष हैं, जिसमें थारू व गैर थारू के बीच मुआवजे की रकम को लेकर सेटलमेंट नहीं हो पा रहा है। एसडीएम बिष्ट ने इसी सप्ताह एनएच के अधिकारियों, भू अध्यापित विभाग के अधिकारियों व काबिज काश्तकारों की बैठक बुलायी है। एसडीएम ने कहा कि यदि इस बैठक में कोई हल नहीं निकलेगा तो विवादित जमीन को राज्य सरकार में निहित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनहित में सड़क का निर्माण किया जाना बेहद आवश्यक है।