अधिकारियों की लापरवाही से आई आपदा, प्राकृतिक नहीं थी : कापड़ी
उप नेता प्रतिपक्ष और खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी ने प्रेस वार्ता में बताया कि विधानसभा सत्र में उन्होंने नियम 310 और 58 के तहत जनता की समस्याओं को उठाया। उन्होंने सरकार पर चार धाम यात्रा, भ्रष्टाचार...
उप नेता प्रतिपक्ष और खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी ने एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर विधानसभा सत्र में उठाए सवालों के बारे के जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र में अपनी बात रखते हुए सरकार से नियम 310 और 58 के तहत जनता की मांगें, समस्या विधानसभा में रखीं। उन्होंने आरोप लगाया की सरकार चार धाम यात्रा, भ्रष्टाचार और आपदा पर भागती नजर आई और इन सवालों को स्वीकृत नहीं किया। आपदा को लेकर उन्हें मात्र दो मिनट का समय अपनी बात रखने को दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि खटीमा में आपदा अधिकारियों की लापरवाही से आई। यह प्राकृतिक आपदा नहीं थी। नदियों के तट खोलने से इतना जलभराव हुआ। कापड़ी ने कहा कि विधानसभा सत्र में उन्होंने सरकार से सभी को आपदा धनराशि देने और पांच हजार की जगह 50 हजार रुपये मुआवजा देने, व्यापारियों के नुकसान का सर्वे कर मुआवजा देने, किसानों के नुकसान का बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा देने की बात रखी। दिया में गौशाला निर्माण में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग रखी। उन्होंने कहा कि गौशाला की जमीन नदी के समीप थी और जल आपदा में बह गई। जिस अधिकारी ने गौशाला के लिए यह जगह चुनी उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों की बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
कापड़ी ने कहा की सरकार ने चर्चित एनएच 74 घोटाले के मुख्य आरोपी दिनेश प्रताप सिंह को क्लीन चिट दे दी। जल विद्युत निगम के एमडी को सरकार ने 15 मार्च को ही सेवा विस्तार दे दिया जो 30 मार्च को रिटायर हो रहे थे। लखवाड़ योजना में फर्जी टेंडर कराकर सौ करोड़ का नुकसान कराया। यूपीसीएल के एमडी ट्रांसफार्मर घोटाले में आरोपी हैं। उन्हें सेवा विस्तार देने की सरकार की तैयारी है। सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी पूरी तरह से विफल रही है। इस दौरान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रवीश भटनागर, नासिर खान, बॉबी राठौर, विनोद चंद, पंकज टम्टा, नरेंद्र आर्या सहित कई लोग मौजूद रहे।
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