भालू के हमले से कालीमठ के आसपास के गांवों में दहशत
ग्रामीण क्षेत्रों में भालू के हमले बढ़ रहे हैं। कालीमठ के क्विराला तोक में भालू ने दो गोशालाओं पर हमला किया, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। भालू ने एक गाय को घायल किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।...

ग्रामीण क्षेत्रों में भालू के हमले की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं। कालीमठ के क्विराला तोक में बीती रात भालू ने दो गोशालाएं तोड़कर वहां बंधे मवेशियों पर हमला किया। ग्रामीणों के शोर-शराबा करने के बाद किसी तरह भालू भागा। ग्रामीणों ने वन विभाग से शीघ्र भालू के आतंक से निजात के साथ ही प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है। ग्राम पंचायत कालीमठ के क्विराला तोक में एक जंगली भालू ने दो गोशालाओं पर हमला करके ग्रामीणों में दहशत फैला दी। ग्रामीण गोविन्द सिंह राणा की गोशाला में घुसकर भालू ने एक गाय को पंजा मारकर घायल कर दिया, जबकि यशवंत राणा की गोशाला में दरवाजा और छत तोड़ने का प्रयास किया।
ग्रामीणों के शोर मचाने पर भालू भाग गया, किंतु पशुओं को घायल करने में भालू कामयाब हो गया। हालांकि ग्रामीणों के हल्ला करने से किसी तरह जानवरों की जान बच गई है। गोविन्द सिंह राणा ने बताया कि जानवरों की आवाज सुनकर ग्रामीण घरों से बाहर आए और शोर मचाकर भालू भाग गया। हालांकि, तब तक भालू उनकी गाय को घायल कर चुका था। यशवंत राणा की गोशाला में भालू द्वारा दरवाजा और छत तोड़ने का प्रयास किए जाने से संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। प्रधान कालीमठ प्रदीप राणा और क्षेत्र पंचायत सदस्य सीमा देवी ने बताया कि उनके द्वारा वन विभाग को घटना की सूचना दी गई है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य बिंदु देवी ने कहा कि गांव के आसपास जंगल और खेतों में भालू के छिपे होने की संभावना है, इसलिए खतरा अभी टला नहीं है। उन्होंने संबंधित विभाग से शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया और सभी ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि वह भालू को पकड़ने के लिए तत्काल कदम उठाए और गांव वालों की सुरक्षा प्रदान करने की कार्यवाही करे।
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