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जरूरी: ठेकेदारों ने किया ई-टेंडरिंग का विरोध

जनपद के ठेकेदारों ने निर्माणदायी संस्थाओं पर सरकारी निर्माण कार्या में ई-टेंडरिंग कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया...

जरूरी: ठेकेदारों ने किया ई-टेंडरिंग का विरोध
हिन्दुस्तान टीम,रुद्रप्रयागWed, 11 Sep 2019 04:52 PM
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जनपद के ठेकेदारों ने निर्माणदायी संस्थाओं पर सरकारी निर्माण कार्यों में ई-टेंडरिंग कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने निर्माण कार्यों में ई-टेंडरिंग का जमकर विरोध किया। कहा कि यह शासनादेश के खिलाफ है जिसे शीघ्र बंद किया जाए। उन्होंने इसको लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की।जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में ठेकेदारों का कहना है कि जिले में सिंचाई, लघु सिंचाई, वन, पेयजल निगम, जल संस्थान लोनवि, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, पीएमजीएसवाई व एनएच द्वारा बिना ई-टेंडरिंग वाले छोटी निविदाओं को आमंतित्र करने के बजाय अपने चहेते व बाहरी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। जिससे छोटे व युवा ठेकेदार बेरोजगारी के कगार पर पहुंच गए है। कहा अन्य जिलों में बड़े कार्यों को छोटे कर 25 लाख से कम के कार्यों को बिना ई-टेंडरिंग के ही आमंत्रित किए जा रहे हैं। जिससे छोटे व डी श्रेणी के ठेकेदारों को कार्य मिल रहा है, किंतु रुद्रप्रयाग में छोटे ठेकेदारों का जीना मुश्किल हो गया है। कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा निविदाएं प्रकाशित करने के बाजाय पिछले दरवाजे से अपने चहेते ठेकेदारों का कार्य दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से छोटे व बेरोजगार ठेकेदारों की अनदेखी न करते हुए ई-टेंडरिंग को समाप्त करने की मांग की। कहा कि यदि निर्माण कार्यों की निविदाएं आमंत्रित नहीं की जाती है तो वे सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में शैलेंद्र भारती, अजय पंवार, बरदीप जग्गी, महेंद्र पुरी, रविंद्र असवाल, अजय सिंह, नागेंद्रपाल सिंह, नागेंद्र सिंह शंकर सिंह, जसपाल पंवार, चंडी प्रसाद सेमवाल, देवेंद्र जग्गी सहित बड़ी संख्या में ठेकेदार शामिल है।

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