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अष्टभैरव की यात्रा कविल्ठा गांव पहुंची

भगवान अष्टभैरव 52 जुला महाजात बन्याथ यात्रा गुरुवार को रात्रि विश्राम के लिए कविल्ठा गांव में पहुंची। जहां सैकड़ों भक्तों ने पुष्प, अक्षत व भैरवनाथ के जयकारों के साथ डोली का भव्य स्वागत किया। भगवान...

अष्टभैरव की यात्रा कविल्ठा गांव पहुंची
हिन्दुस्तान टीम,रुद्रप्रयागThu, 18 Jan 2018 04:15 PM
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भगवान अष्टभैरव 52 जुला महाजात बन्याथ यात्रा गुरुवार को रात्रि विश्राम के लिए कविल्ठा गांव में पहुंची। जहां सैकड़ों भक्तों ने पुष्प, अक्षत व भैरवनाथ के जयकारों के साथ डोली का भव्य स्वागत किया। भगवान भैरवनाथ के आदेशानुसार 411 वर्षों बाद 52 गांवो के ग्रामवासियों द्वारा बन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है।

12 दिसम्बर को महाजात यात्रा धवल पर्वत ऊखीमठ से शुरू हुई थी जिसमें अगस्त्यमुनि क्षेत्र, ऊखीमठ क्षेत्र, मद्महेश्वर घाटी के बाद डोली अंतिम पड़ाव कालीमठ घाटी के भ्रमण कर रही है। गुरुवार को डोली कोटमा ग्राम में रात्रि विश्राम के पश्चात भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कविल्ठा गांव में पहुँची जहां पर कई महिलाओं पर देवता भी अवतरित हुए। पिछले वर्ष अष्टभैरव देवरा यात्रा का आयोजन भी किया गया था जिसमें डोली ने गुप्तकाशी क्षेत्र का भ्रमण किया था। बन्याथ यात्रा शनिवार को रात्रि विश्राम के लिए कालीमठ में पहुँचेगी तथा रविवार को निवासिनी संगम पर स्नान के बाद ओंकारेश्वर मन्दिर में पहुँचेगी जहां पर तीन दिनों तक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। जिसके बाद बाबा अष्टभैरव की डोली धवल पर्वत पर विराजमान होगी। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष दीपक कुंवर, संयोजक लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, पवन राणा, लक्ष्मी प्रसाद, पंकज भट्ट, शुभम भट्ट आदि थे।

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