समाज को समरसता की ओर ले जाना संघ का उददेश्य
चंद्रपुरी में रिक्शा स्टैंड पार्क में कार्यकर्ता पूर्ण गणवेश में सम्मिलित हुए। भगीरथ शाखा, माधव, विश्वकर्मा, विवेकानंद, दयानंद, सुदर्शन, शिव और...
विजयदशमी के दिन 1925 में डॉ. केशव राव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। इस उपलक्ष्य में पूरे देश में स्वयंसेवक विजयदशमी को संघ स्थापना दिवस के रूप में मनाते हैं। कोरोना बचाव के नियमों का पालन करते हुए शनिवार को दो स्थानों पर विजयदशमी का उत्सव मनाया गया।
चंद्रपुरी में रिक्शा स्टैंड पार्क में कार्यकर्ता पूर्ण गणवेश में सम्मिलित हुए। भगीरथ शाखा, माधव, विश्वकर्मा, विवेकानंद, दयानंद, सुदर्शन, शिव और गोविंद शाखा के स्वयंसेवकों को प्रांत प्रमुख धर्म जागरण ऋतुराज ने संबोधित किया। उन्होंने कहा संघ कि स्थापना दिवस संघ का समाज को समरसता की ओर ले जाना है। जिस प्रकार से सनातन धर्म में नवरात्रों का व्रत रखा जाता है और व्यक्ति अपने आप को व्यवस्थित अनुशासित, चारित्रिक और आर्थिक दृष्टि से ठीक करने का प्रयास करता है। तब जाकर देवी की भक्ति का प्रारूप तैयार होता है। नवरात्रि अपने शरीर के नव द्वारों को जागृत करते हुए दुर्गुणों को दूर करना है। जब हम यह कार्य करेंगे तब समाज में समरसता पैदा होगी। समाज, देश और संस्कृति के लिए जब व्यक्ति पूर्ण समर्पण करता है तब समाज और संस्कृति से दुर्गुणों का निवारण कर सकता है। आनंद स्वरूप सरस्वती विद्या मंदिर पर आजाद, विक्रमादित्य और पटेल शाखा ने भी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
जिला प्रचारक नरेंद्र ने स्वयंसेवकों को हिंदू समाज को संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शक्ति देवी नवरात्रों में असत्य पर सत्य की विजय पर्व विजयदशमी संघ स्थापना दिवस के रूप में मनाता है। कार्यक्रम में प्रवीण, जलसिंह, राजपाल, राहुल, संदीप, संजय धीमान आदि सैकड़ों गणवेशधारी स्वयं सेवक उपस्थित रहे।