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रुड़की-देवबंद रेल लाइन का काम रोका, हंगामा

रुड़की-देवबंद रेल लाइन को लेकर फिर विवाद हो गया। रहीमपुर और पनियाला में भी किसानों ने रेलवे में प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने और भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर काम रुकवा...

रुड़की-देवबंद रेल लाइन को लेकर फिर विवाद हो गया। रहीमपुर और पनियाला में भी किसानों ने रेलवे में प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने और भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर काम रुकवा...
1/ 2रुड़की-देवबंद रेल लाइन को लेकर फिर विवाद हो गया। रहीमपुर और पनियाला में भी किसानों ने रेलवे में प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने और भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर काम रुकवा...
रुड़की-देवबंद रेल लाइन को लेकर फिर विवाद हो गया। रहीमपुर और पनियाला में भी किसानों ने रेलवे में प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने और भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर काम रुकवा...
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हिन्दुस्तान टीम,रुडकीTue, 15 May 2018 10:27 PM
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रुड़की-देवबंद रेल लाइन को लेकर फिर विवाद हो गया। रहीमपुर और पनियाला में भी किसानों ने रेलवे में प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने और भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर काम रुकवा दिया। इस दौरान घंटों तक हंगामा चलता रहा। शाम को जेएम भी मौके पर पहुंचे लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद प्रशासनिक टीम लौट आई।

रुड़की-देवबंद रेलवे लाइन निर्माण की जद में कई किसानों की जमीन आ रही है। किसान जमीन का अधिग्रहण ठीक तरीके से नहीं होने और प्रभावित परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी की मांग कर रहे हैं। कुछ दिन पहले झबरेड़ा के भिश्तीपुर में भी इस मांग को लेकर विवाद हुआ था। मंगलवार को रहीमपुर और पनियाला में रेल लाइन के लिए जमीन की नपाई का काम चल रहा था।

किसानों ने हंगामा कर काम रुकवा दिया। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में पैमाइश में गड़बड़ी और प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान कार्य को रुकवा दिया गया। किसानों का कहना था कि प्रभावित परिवारों को नौकरी दी जानी चाहिए।

किसानों की ओर से हंगामा जारी रहने के बाद अपर तहसीलदार सुशीला कोठियाल और गंगनहर से पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। किसानों ने अधिग्रहण की गई भूमि की पैमाइश को गलत तरीके से भी करने का आरोप लगाया। उनकी मांग थी कि उनके खेतों में आने वाले पेड़ों का भी मुआवजा दिया जाना चाहिए। शाम तक हंगामा जारी रहने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नरेंद्र भंडारी, प्रभारी कोतवाल गंगनहर प्रमोद कुमार मौके पर पहुंचे।

जेएम ने ग्रामीणों से वार्ता की। लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। बाद में पुलिस और प्रशासनिक टीम वापस लौट आई। प्रभारी कोतवाल ने बताया कि काम शुरू नहीं हो पाया है। इस दौरान महेश पंडित, नरेंद्र सिंह, तोशिफ, लाला टीनू, मेहताब, परवेज़, मुकरम, दिलशाद अहमद, महमूद अली, अजय आदि लोग मौजूद रहे।

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