हरे चारे के सकंट से जुझे पशुपालक
नारसन, संवाददाता।ताई जा रही है। किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए ठीक समय पर बारिश हुई है। इस समय फसल को बढ़वार के लिए यूरिया उर्वरक
शुक्रवार से लगातार रुक रुककर हो रही बारिश से गन्ने की छिलाई कार्य भी प्रभावित हो गया है। किसानों का कहना है कि खेतों में काफी नमी आ जाने के बाद अब कई दिनों तक गन्ना छिलाई का कार्य बंद रहेगा। गन्ना छिलाई कार्य बंद रहने से हरे चारे का अभाव बन गया है। जिससे मवेशियों को चारे में भूसा दिया जा रहा है। किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए ठीक समय पर बारिश हुई है। इस समय फसल को बढ़वार के लिए यूरिया उर्वरक की आवश्यकता थी। उर्वरक का प्रयोग करने के लिए लिए भूमि में उचित नमी की आवश्यकता होती है। राम कुमार ने बताया कि सरसों की फसल को भी बारिश से लाभ मिला है। इस समय इस फसल में दाना बनने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा बारिश से खेतों पर जाने वाले कच्चे मार्गों पर पानी भर जाने से किसानों को आवागमन में काफी असुविधा उठानी पड़ रही है। गन्ने की छिलाई पर भी मौसम साफ होने तक ब्रेक लग गया है। जिससे हरे चारे का संकट पैदा हो रहा है। किसान रतन सिंह का कहना है कि हरा चारा उपलब्ध नहीं होने पर पशुओं को सूखा भूसा खिलाकर काम चलाया जा रहा है।
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