कोटद्वार की सड़कों पर दौड़ रहे ओवर लोड वाहन
शहर में यातायात व्यवस्था बेहतर बनाने के दावे करने वाला सरकारी सिस्टम ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि...
शहर में यातायात व्यवस्था बेहतर बनाने के दावे करने वाला सरकारी सिस्टम ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि सुबह से शाम तक सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोड वाहनों से लोगों को सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। लेकिन जिम्मेदार प्रशासन इस ओर ध्यान देने को राजी नहीं हैं।
परिवहन विभाग व यातायात पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और लोगों को यातायात नियमों को जागरूक करने को प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। लेकिन सड़कों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। सड़कों पर चालक बेखौफ होकर ओवरलोड वाहनों को बिना किसी रोकटोक के दौड़ा रहे हैं। ओवरलोड के वाहनों के कारण क्षेत्र में पूर्व कई दुर्घनाएं हो चुकी हैं। लेकिन जिम्मेदार प्रशासन दो पहिया वाहनों के चालन करने तक ही सिमट कर रह गया है। ओवरलोडिंग के कारण जब कोई बड़ा हादसा होता है तो तब ही अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी की याद आती है। कुछ वर्ष पूर्व हुए धुमाकोट बस हादसे के बाद शासन ने प्रदेश में ओवरलोडिंग रोकने के निर्देश जारी किए थे। आदेश के कुछ माह तक परिवहन विभाग व यातायात पुलिस ने सख्ती दिखाई, लेकिन उसके बाद सिस्टम गहरी नींद में सो गया। शहर में कबाड़ तथा खनन सामग्री से भरे ओवरलोड वाहन सड़कों पर दौड़ते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।
यातायात निरीक्षक शिव कुमार का कहना है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।