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Hindi News उत्तराखंड रुड़की...जिस दीये में तेल भरा खैरात का, ने लूटी वाहवाही

...जिस दीये में तेल भरा खैरात का, ने लूटी वाहवाही

साहित्यकार और शिक्षाविद स्व. जगदीश शरण की जयंती पर साहित्यिक संस्था नव सृजन की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया...

...जिस दीये में तेल भरा खैरात का, ने लूटी वाहवाही
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीTue, 21 Jan 2020 06:16 PM
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साहित्यकार और शिक्षाविद स्व. जगदीश शरण की जयंती पर साहित्यिक संस्था नव सृजन की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता साहित्यकार सुबोध पुंडीर सरित ने की। विशिष्ट अतिथि मुख्य शिक्षाधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज , एसडीपीजी कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. शालिनी जोशी पंत, श्रीगोपाल नारसन , श्याम सिंह नागयान ने कवियों के साथ दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शायर इरशाद ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। स्व. जगदीश शरण के पुत्र नवीन शरण निश्चल ने अपने पिता को समर्पित भावपूर्ण रचना पढ़ी। अशोक कुमार शर्मा आर्य ने स्व. जगदीश शरण की रचना जिस दीये में भरा तेल खैरात का, धीरेंद्र कुमार सैनी ने एकाकी का जीवन सुना कर श्रोताओं का मन मोह लिया। नवसृजन संस्था के महासचिव किसलय क्रांतिकारी ने न मंदिर को बनाना तुम सुनाया तो हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया। नीरज नैथानी ने अपनी रचना सिलाएं भी बात करती हैं सुना कर माहौल को भावपूर्ण बना दिया। नवोदित शायर साहिल माधोपुरी की गजलों को भी समर्थन मिला। पंकज त्यागी असीम ने वो जिन्होंने झोपड़ी पर फेंकी जलती तीलियां, अब हवा चलने लगी उनके मकानों की तरफ सुना कर श्रोताओं की वाहीवाही बटोरी। एसके सैनी की रचना दुनिया में जो आता है को भी पसंद किया गया। महिला उत्पीड़न को रेखांकित करती डॉ. शालिनी जोशी पंत की रचनाएं भी प्रभावशाली रही। डॉ. आनंद भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत रचनाओं ने श्रोताओं को देर तक गुदगुदाया। कार्यक्रम में श्याम कुमार त्यागी, महेंद्र पाल सिंह, सुभाष चंद सैनी, प्रदीप सैनी, यशपाल सैनी, महावीर सिंह, राज उपाध्याय , रतनलाल, स्नेह लता नागयान, प्रेमलता सैनी, रश्मि त्यागी, ईना सैनी, डॉ. संजीव कुमार सैनी, रणवीर रावत, मोहित सैनी आदि मौजूद रहे।

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