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दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित करें अभिभावक

- प्राइमरी स्कूल नंबर ग्यारह में हुआ कार्यक्रम

दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित करें अभिभावक
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीSat, 20 Jan 2018 06:33 PM
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ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने कहा की दिव्यांग बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान किया कि वह सकारात्मक रहें। कभी भी नकारात्मक भाव दिव्यांग बच्चे के प्रति पैदा ना होने दें।राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर -11 में आयोजित समावेशित शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का परामर्श शिविर हुआ। मुख्य अतिथि जेएम नितिका खंडेलवाल ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में बेहद प्रतिभा है। उप शिक्षाधिकारी रुड़की रीना राठौर ने कहा कि दिव्यांग होना कोई अभिशाप नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं है। कोई न कोई कमी हर इंसान में मौजूद होती है। कुछ दिखती है और कुछ छिपी रह जाती है। अपनी कमियों को समझकर उस पर विजय पाना ही हर जिंदगी का लक्ष्य होना चाहिए। उप शिक्षाधिकारी नारसन बृजपाल सिंह राठौर ने कहा कि इंसान वही है जो खूबियों का पलड़ा भारी कर कमियों को पछाड़ देता है। सामाजिक धारणाओं व संकुचित सोच के कारण शारीरिक अक्षमता के शिकार लोगों को समाज में खुद की समस्याओं के अलावा कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हिम्मत और खुद पर विश्वास कर अगर कदम बढ़ाए जाएं तो कुछ भी पाना असंभव नहीं है। परामर्श शिविर में डॉ दीपेश चन्द्र प्रसाद मनोचिकत्सिक, फिजियोथैरेपिस्ट डॉ.राज मौर्य और रिसोर्स पर्सन श्रीमति साधना शर्मा ने अभिभावको को परामर्श दिया। कार्यक्रम मे 167 दिव्यांग बच्चे और उनके अभिभावकगण मौजूद रहे। कार्यक्रम में संजय वत्स,मनोज बहुगुणा, ललित गुप्ता, सीएस बिष्ट, निया, गैंदा सिंह, हर्षलता, गोडविन जॉन दास, नरेश राजा, राकेश शुक्ला, दीपक कुमार, विपिन सैनी,रूपेश आनंद,अमित कुमार आदि ने सहयोग दिया।

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