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किसी भी अभिभावक ने स्कूल नहीं भेजे अपने बच्चे

रोहालकी के राजकीय प्राथमिक स्कूल में भेजनमाता को लेकर चल रहा विवाद गहरा गया है। शनिवार को गांव के एक भी अभिभावक ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं...

किसी भी अभिभावक ने स्कूल नहीं भेजे अपने बच्चे
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीSat, 01 Feb 2020 05:30 PM
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रोहालकी के राजकीय प्राथमिक स्कूल में भेजनमाता को लेकर चल रहा विवाद गहरा गया है। शनिवार को अभिभावक ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। स्कूल में तैनात शिक्षिका ने घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क भी किया, पर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने पर राजी नहीं हुए। रोहालकी निवासी बबीता शर्मा करीब चौदह साल से गांव के राजकीय प्राथमिक स्कूल में भोजनमाता का काम कर रही थी। नवंबर 2019 में स्कूल प्रबंध समिति ने उसे नौकरी से हटा दिया था। बबीता ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस बाबत शिकायत की थी। शिकायत पर खानपुर की उप शिक्षाधिकारी दीप्ति यादव ने जांच की थी। उनकी जांच में उन्होंने बबीता की बर्खास्तगी को नियम विरुद्ध पाया था। जांच के बाद उन्होंने बबीता को दोबारा से नौकरी पर रखने के आदेश प्रभारी प्रधानाध्यापक खेम सिंह को दिए थे। हालांकि इस दौरान स्कूल प्रबंध समिति ने गांव की ही दूसरी महिला जगवती को भोजनमाता के तौर पर नियुक्ति दे दी थी। उप शिक्षाधिकारी के आदेश पर 29 जनवरी में बबीता को पुन: काम पर रख लिया गया है। उधर, अभिभावक बबीता को फिर से रखने का विरोध कर रहे हैं। इससे नाराज अभिभावकों ने शुक्रवार को स्कूल के दो कमरों पर तालाबंदी भी कर दी थी। शनिवार को किसी भी अभिभावक ने अपने बच्चे स्कूल नहीं भेजे। स्कूल में जीरो छात्र संख्या होने पर शिक्षिका पूनम राठौर ने घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क भी किया, पर अभिभावक वहां बच्चे पढ़ाने को तैयार नहीं हुए। शिक्षिका राठौर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि स्कूल में कुल 54 बच्चे पंजीकृत हैं। पर शनिवार को पूरे दिन एक भी बच्चा स्कूल नहीं आया है। उप शिक्षाधिकारी दीप्ति यादव ने बताया कि सोमवार को वे खुद स्कूल जाकर अभिभावकों से बात करेंगी।

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