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तेज हवा, बारिश से किसानों की धान की फसल तबाह

शनिवार शाम से अचानक तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश ने किसानों को तगड़ा झटका दिया है। बारिश के कारण जहां क्षेत्र में धान की कटाई पर ब्रेक लग गया है, वहीं खेतों में पककर खड़ी धान की फसल गिरने के कारण...

तेज हवा, बारिश से किसानों की धान की फसल तबाह
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीSun, 29 Sep 2019 05:28 PM
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खेतों में पककर कटाई के लिए तैयार खड़ी थी धान की फसल

शनिवार रात तेज हवा के साथ हुई बरसात से पहुंचा नुकसान

शनिवार शाम से अचानक तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश ने किसानों को तगड़ा झटका दिया है। बारिश के कारण जहां क्षेत्र में धान की कटाई पर ब्रेक लग गया है, वहीं खेतों में पककर खड़ी धान की फसल गिरने के कारण किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है। उकिमो ने फसल बीमा योजना से नुकसान के मुआवजे की मांग की है।

कम बारिश के कारण इस साल लक्सर क्षेत्र में धान का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद जताई जा रही थी। फिलहाल धान की फसल पककर कटाई के लिए खेतों में तैयार खड़ी थी। कुछ किसानों ने धान की कटाई शुरू भी करा दी थी, जबकि ज्यादातर किसान अब कटाई की तैयारी में जुटे हुए थे। परंतु शनिवार देर शाम अचानक तेज हवा के साथ भारी बारिश पड़नी शुरू हो गई। तकरीबन पूरी रात हुई बारिश ने किसानों की धान की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। किसान नरेंद्र सिंह, सुधीर चौधरी, सतीश पंवार, जोध सिंह ने बताया कि बारिश और तेज हवा के कारण खेत में पकी खड़ी धान की अधिकांश फसल जमीन पर गिर गई है। अब मौसम नम हो जाने की वजह से कम से कम एक सप्ताह तक धान की कटाई नहीं की जा सकती है। उधर, इतने समय में चूहे जमीन पर गिरी फसल को बर्बाद कर देंगे। महेश कुमार, कर्णसिंह, सतेंद्र कुमार, मगन सिंह आदि किसानों ने बताया कि बासमती व इससे मिलते जुलते बारीक धान का पौधा थोड़ा लंबा होता है। लिहाजा बारिश व हवा से सबसे ज्यादा इन्हीं प्रजातियों की धान की फसल गिरी है। उनके मुताबिक इससे किसानों की धान की फसल में कई लाख का नुकसान हुआ है। उत्तराखंड किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष चौधरी महकार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर फसल बीमा योजना से इस नुकसान की भरपाई करने की मांग की है।

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