मशरूम उत्पादन और मौनपालन से जुड़कर लाभ लें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी की तरफ से कृषि कल्याण अभियान के तहत लक्सर के रसूलपुर कंकरखाता गांव में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विशेषज्ञों द्वारा स्थानीय किसानों को फसलों में...
कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी की ओर से कृषि कल्याण अभियान के तहत रसूलपुर कंकरखाता गांव में प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। इसमें विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों में कीट, रोग, जल तथा खाद के बेहतर प्रबंधन के साथ ही खेती से संबंधित दूसरे व्यवसाय अपनाने की सलाह दी।धनौरी के कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉ. दीप्ति चौधरी ने शिविर का उद्घाटन किया। उन्होंने किसानों को खेती से जुड़े मशरूम उत्पादन और मौनपालन जैसे व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी। बताया कि ये दोनों व्यवसाय बहुत कम लागत में आरंभ किए जा सकते हैं। इसके लिए अलग से कृषि भूमि होना भी जरूरी नहीं है। लिहाजा भूमि विहीन किसान भी इन्हें अपनाकर लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक किसान केन्द्र पर आकर पांच दिवसीय प्रशिक्षण निशुल्क ले सकते हैं। उन्होंने फसलों में कीट व रोग प्रबंधन के बारे में भी बताया। प्रसार शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. सरिता वैश्य ने पोषण वाटिका तैयार करने के साथ ही इससे होने वाले फायदों की जानकारी दी। उन्होंने रवि की फसलों में खाद और जल के सही उपयोग के बारे में भी किसानों को बताया। राजेश कुमार ने फसल की बुआई से पहले मृदा परीक्षण को जरूरी बताया। किसानों को मृदा परीक्षण के लिए खेत से मिट्टी के नमूने लेने का तरीका भी समझाया। शिविर में राजकुमार, अनिल कुमार, रवि, मकबूल हसन, विरेंद्र सिंह, सुरेश कुमार, मोहन, कदम सिंह, बलबीर सिंह, सुरेंद्र कुमार, पदम सिंह, देशराज आदि ने प्रशिक्षण लिया।