महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. उमा आर्या ने कहा हमारे संविधान में महिला और पुरुष को बराबर के अधिकार दिए गए...
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. उमा आर्या ने कहा कि हमारे संविधान में महिला और पुरुष को बराबर के अधिकार दिए गए हैं। कहा कि शिक्षा और ज्ञान के अभाव में स्त्री शोषण होता रहता है। कर्यक्रम में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया।
रविवार को लंढौरा चमनलाल महावद्यिालय में 21वीं सदी में महिला सुरक्षा समस्या एवं चुनौतियां पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. सविता बौड़ाई और डॉ. सविता मोहन ने कहा कि अधिकतर महिलाएं शिक्षा और ज्ञान के अभाव में पुरुषों का अत्याचार सहती चली आई हैं। इसलिए महिला सशक्तीकरण मजबूत बनाने के लिए महिलाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ साहस का परिचय देना चाहिए। कहा कि हर एक मां का फर्ज है कि वह अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के साथ अच्छे संस्कार भी दे। डॉ. हिमांशु बौड़ाई ने कहा कि हर पुरुष दूसरी नारी को अपनी मां, बहन और बेटी की तरह समझे। तभी जाकर महिला सशक्तिकरण किया जा सकता है। डॉ. उमा आर्य ने कहा कि 21वीं सदी में नारी सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय भी सख्त बना रहा है। जिससे नारी सशक्तिकरण मजबूत हो। कहा कि सोशल मीडिया पर मीटू भी महिला सशक्तिकरण करने का जरिया साबित हो रहा है। इस मौके पर समिति अध्यक्ष रामकुमार शर्मा, ईश्वरचंद शर्मा, प्राचार्य सुशील उपाध्याय, अरुण हरित, अतुल हरित, दिनेश कौशिक और कॉलेज के छात्र छात्राएं मौजूद रहे।