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राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस पर रोपे पौधे

सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कालेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कॉलेजों में सफाई करने के साथ ही पौधरोपण भी किया। एसडी डिग्री...

सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कालेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कॉलेजों में सफाई करने के साथ ही पौधरोपण भी किया।
एसडी डिग्री...
1/ 2सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कालेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कॉलेजों में सफाई करने के साथ ही पौधरोपण भी किया। एसडी डिग्री...
सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कालेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कॉलेजों में सफाई करने के साथ ही पौधरोपण भी किया।
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2/ 2सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कालेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कॉलेजों में सफाई करने के साथ ही पौधरोपण भी किया। एसडी डिग्री...
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीMon, 24 Sep 2018 05:58 PM
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सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कालेजों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कॉलेजों में सफाई करने के साथ ही पौधरोपण भी किया।एसडी डिग्री कॉलेज में हर्षोल्लास के साथ एनएसएस का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान स्वयंसेवियों ने कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशन में सुबह के समय स्वच्छता अभियान के उपरांत बौद्धिक सत्र का प्रारंभ मां सरस्वती की पूजा से किया गया। प्राचार्या ने अपने संबोधन में कहा कि 24 सितंबर सन 1969 में एनएसएस की स्थापना हुई थी। इसको लागू करने में 19 साल का लंबा समय लगा था। राष्ट्रीय सेवा योजना हमें सामाजिक सरोकारों से जोड़ती है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. भारती शर्मा ने स्वामी विवेकानंद का संज्ञान देते हुए कहा कि अपूर्व कर्म उधम और अपूर्व विश्राम मानव को ईश्वर की ओर ले जाता है। उन्होंने आह्वान किया कि भावी कर्णधारों को बरगद सा नहीं वरना आकाशधर्मी बनना है। जो स्वयं भी बड़े और औरों को भी बढ़ाएं। डॉक्टर कामना जैन ने स्थापना दिवस के उद्गम को याद करते हुए बताया कि महात्मा गांधी जन्मशताब्दी वर्ष 1969 से एनएसएस वर्तमान में देशभर में 37 विश्वविद्यालयों में यह लागू है और 34 लाख स्वयंसेवी इससे जुड़े हुए हैं। प्रवक्ता डॉ. अर्चना चौहान ने बताया कि मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों की रोकथाम में स्वयंसेवी अहम भूमिका निभा सकते हैं। बीमारी फैलने से पहले ही वह गांव-गांव में जाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर सकते हैं। पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर किरण बाला ने स्वयंसेवी के स्वावलंबन के बिंदुओं पर प्रकाश डाला। सांस्कृतिक सत्र में गुड़िया, वंशिका के नेतृत्व में एक नुक्कड़ नाटिका मत मारो मुझे बड़ा दुखता है। इस दौरान कार्यक्रम में डॉ.शिखा, डॉ. अंजू, डॉ. नेहा, शैली, प्रीति शर्मा, सीमा राय, तीरथपाल, तेल राम, उमेश कुमार इत्यादि मौजूद रहे।

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