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ऊर्जा निगम में घोटाले पर कार्रवाई का इंतजार

रुड़की में घोटाले के खुलासे के अधिकारियों के निर्देश फेंके रद्दी की टोकरी मेंदिसंबर, फरवरी और अप्रैल में कार्रवाई के निर्देश पर नहीं हुआ अमलरुड़की। कार्यालय संवाददाताउत्तराखंड पावर कारपोरेशन में घोटाले...

ऊर्जा निगम में घोटाले पर कार्रवाई का इंतजार
हिन्दुस्तान टीम,रुडकीSun, 25 Jun 2017 03:44 PM
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रुड़की में घोटाले के खुलासे के अधिकारियों के निर्देश फेंके रद्दी की टोकरी मेंदिसंबर, फरवरी और अप्रैल में कार्रवाई के निर्देश पर नहीं हुआ अमलरुड़की। कार्यालय संवाददाताउत्तराखंड पावर कारपोरेशन में घोटाले पकड़ में आने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई को तैयार नहीं हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप में किए गए घोटाले की आरटीआई से हुए खुलासे के बाद आला अधिकारियों ने आरोपी ठेकेदार से गबन की गई धनराशि की वसूली, समूह को ब्लैकलिस्ट करने और समूह के अनुबंधों को निरस्त करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन निर्देशों को अधिकारियों ने कूड़े के डिब्बे में डाल दिया। दो-दो बार कार्रवाई के लिए निर्देश देने के बाद भी स्थानीय अधिकारी आला अधिकारियों की सुन ही नहीं रहे हैं। ऊर्जा निगम में सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से बिजली ठीक करने के लिए लाइनमैन रखे जाते हैं। इन लाइनमैनों के लिए ऊर्जा निगम की तरफ से वेतन, ईपीएफ और ईएसआई का भुगतान ठेकेदार को किया जाता रहा है। आठ साल से यह भुगतान बदस्तूर जारी है। लेकिन ठेकेदार इन लाइनमैन के रूप में काम कर रहे लोगों को मात्र मजदूरी देकर टरका रहा है। आरोप है कि शेष रकम ठेकेदार खुद ही रख लेता है। समाजसेवी और स्थानीय निवासी चौधरी आदित्य काजला ने इस घोटाले की शिकायत आरटीआई से प्राप्त प्रमाणों के साथ विजिलेंस व विभाग के आला अधिकारियों से की थी। इस मामले में जांच यूपीसीएल के एसपी विजिलेंस ने शुरू की। इस जांच में घोटाला पाए जाने के बाद उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की सिफारिश कर दी। उच्च स्तरीय कमेटी ने भी अपनी जांच की और दिसंबर 2016 में घोटाले की पुष्टि कर दी। साथ ही सेल्फ हेल्प ग्रुप को ब्लैक लिस्ट करने, गबन की गई लाखों रुपये की धनराशि की वसूली, समूह के सभी अनुबंध तत्काल समाप्त करने के लिए सिफारिश ऊर्जा निगम के निदेशक एचआर पीसी ध्यानी से की। एचआर निदेशक ने इस मामले में सिफारिश के आधार पर कार्रवाई के लिए मुख्य अभियंता हरिद्वार आरएस बुर्फाल को निर्देश दिए। दिसंबर 2016 से इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। ऐसे में साफ है कि ऊर्जा निगम के स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह कारनामा चल रहा है। यह मामले क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन फिलहाल बिजली व्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए कदम उठाए जा रहे हैं। आरोपी ठेकेदार के साथ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। एके सिंह, मुख्य अभियंता संबद्ध एमडीघोटाले की जांच के बाद संबंधित सेल्फ हेल्प ग्रुप को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है, लेकिन बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए फिलहाल 30 जून तक उसी से काम लिया जा रहा है। कर्मचारियों के ईपीएफ की ठेकेदार से रिकवरी की जाएगी।आरएस बुर्फाल, एक्सीएन ऊर्जा निगम, हरिद्वार

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