मानसून में अवकाश की व्यवस्था करें
कहां होगी, कहां नहीं होगी इसकी कोई निश्चितता नहीं होगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान भी बहुत बार सही साबित नहीं होते। उत्तराखंड राज्य दो विषम प्रकार की...

भगवानपुर। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को ग्रीष्मावकाश में कटौती कर मानसून अवधि के लिए मानसून अवकाश की व्यवस्था पर अपना प्रस्ताव भेजा है। संघ का कहना है कि मानसून के मौसम में बारिश कब होगी कब नहीं होगी, कब ज्यादा होगी कब कम होगी, कहां होगी, कहां नहीं होगी इसकी कोई निश्चितता नहीं होगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान भी बहुत बार सही साबित नहीं होते।
उत्तराखंड राज्य दो विषम प्रकार की भौगोलिक और वातावरणीय परिस्थितियों का प्रदेश है। मैदानी क्षेत्र जिला हरिद्वार मे ग्रीष्म ऋतु के अप्रैल, मई, जून में यहां भीषण गर्मी पड़ती है। भयंकर लू चलती है। इसके कारण ऐसे वातावरण में यहां पठन पाठन में आने वाली परेशानियों व बच्चों को भीषण लू से बचाने के लिए पूर्व से ग्रीष्मावकाश की व्यवस्था की गई है जो बेहद आवश्यक है। इसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ करना इन्हें संशोधित करना छात्रहित में नहीं है जबकि पहाड़ों में मानसून में अधिक वर्षा के कारण जो भूस्खलन, पहाड़ गिरने आदि से जो जान माल की हानि होती हैं वैसी घटनाएं मैदानी क्षेत्रों में नहीं होती है। प्रस्ताव भेजने वालों में जिला अध्यक्ष मुकेश चौहान, जिला महामंत्री जितेंद्र चौधरी, जिला कोषाध्यक्ष राजवीर सिंह शामिल रहे।
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