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एम्स का मकसद मरीजों को आधुनिकतम सुविधाएं देना: प्रो. रविकांत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में रैपिड सिनरोमिक मैनेजमेंट तकनीक से लैस बायोफायर-फिल्म ऐरे मशीन का संचालन विधिवत शुरू हो गया है। अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इस मशीन से रोगियों की एक...

एम्स का मकसद मरीजों को आधुनिकतम सुविधाएं देना: प्रो. रविकांत
हिन्दुस्तान टीम,रिषिकेषThu, 15 Nov 2018 06:15 PM
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में रैपिड सिनरोमिक मैनेजमेंट तकनीक से लैस बायोफायर-फिल्म ऐरे मशीन का संचालन विधिवत शुरू हो गया है। अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित इस मशीन से रोगियों की एक साथ कई तरह के कीटाणुओं और विषाणुओं की जांच संभव है। यह सुविधा फिलहाल राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है।

एम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की एडवांस इन्फेक्शस डिजीज लैब्रोटरी में बतौर मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने रैपिड सिरॉमिक मैनेजमेंट टेक्निक पर आधारित बायोफायर फिल्म ऐरे का ई-इनोग्रेशन किया। प्रो.रविकांत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश एडवांस तकनीकी के द्वारा मरीजों को लाभ देने को प्रयासरत है। जिससे एम्स में आने वाले रोगियों का जल्द से जल्द व सर्वोत्तम उपचार हो सके। कहा कि संस्थान की ओर से आगे भी लोगों की सुविधा के लिए ऐसे प्रयास जारी रहेंगे। चेन्नई से आए संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. नामबी ने विभागीय कार्मिकों को बायोफायर फिल्म ऐरे मशीन की तकनीकी व उसकी उपयोगिता की जानकारी दी। प्रो. प्रतिमा गुप्ता ने बताया कि इस तकनीक से आईसीयू व सीसीयू में भर्ती मरीजों में संक्रमण की जांच दो से पांच घंटे में संभव है। लिहाजा इससे रोगी के समय व धन की बचत होगी और उसे जल्द उपचार मिल सकेगा। बताया कि इस तकनीक से एक बार में 17 से 22 वैक्टीरिया, वायरस की जांच संभव है। साथ ही आसपास के वातावरण में बीमारियों की जानकारी भी मिल सकेगी। इस अवसर पर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर, डा. बलराम ओमर, डा. मोहित भाटिया, डा. रुचि दुवा आदि मौजूद थे।

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