राजा दशरथ के शब्दभेदी बाण से श्रवण की मौत
श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी ऋषिकेश के रंगमंच पर दूसरे दिन गणेश वंदना, भारत माता वंदना, क्षीर सागर और श्रवण लीला का मंचन किया गया। रामलीला के दौरान श्रवण लीला को देखकर दर्शकों के आंखों से आंसू छलक...
श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी ऋषिकेश के रंगमंच पर दूसरे दिन गणेश वंदना, भारत माता वंदना, क्षीर सागर और श्रवण लीला का मंचन किया गया। रामलीला के दौरान श्रवण लीला को देखकर दर्शकों के आंखों से आंसू छलक पड़े।
बनखंडी स्थित रामलीला के मंच पर दूसरे दिन क्षीर सागर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का संवाद दिखाया गया। जिसमें नारद मुनि ने भगवान को धरती पर पाप बढ़ने और रावण के आंतक की जानकारी दी। जिस पर विष्णु भगवान ने माता लक्ष्मी को बताया कि जब जब धरती पर पाप बढ़ा है, वह मनुष्य के रूप में धरती पर अवतरित हुए है। उन्होंने बताया कि वह राजा दशरथ के यहां श्रीराम के रूप में जन्म लेंगे। वहीं, श्रवण लीला में दर्शाया गया कि अपने अंधे माता-पिता को तीर्थों के दर्शन कराने के लिए श्रवण उन्हें अयोध्या राज्य से रवाना हुआ। इस बीच राजा दशरथ को जंगल में एक खूंखार शेर जो लोगों को अपना शिकार बना रहा था, की जानकारी मिली। प्रजा की रक्षा के लिए राजा दशरथ ने शब्दभेदी बाण के द्वारा उस शेर का शिकार करने की योजना बनाई। लेकिन दुर्भाग्यवश वह बाण नदी में जल भर रहे श्रवण को लग गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। श्रवण की मौत की खबर सुनकर उसके माता-पिता ने भी पुत्र वियोग में प्राण त्याग दिए। लेकिन मृत्यु से पूर्व राजा दशरथ को पुत्र वियोग में प्राण त्यागने का श्राप दे दिया। इससे राजा दशरथ बहुत दुखी होकर अयोध्या लौट आये। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाड़ी सतीश पाल, निर्देशक मनमीत कुमार, रोहताश पाल, हुकुमचन्द्र, सुरेन्द्र कुमार, दीपक जोशी, बाली पाल, प्रशांत पाल, ललित कुमार, अशोक मौर्य, योगेश कालड़ा संजय शर्मा, अनिल धीमान, राजू कुशवाहा, राजेश धीमान, दयाशंकर पाण्डेय आदि उपस्थित थे।