गढ़ संस्कृति के संवाहक डा. चमोला का सम्मान
अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने गढ़वाली साहित्य के शिल्पकार डा. उमेश चमोला को सम्मानित किया। डा. चमोला ने गढ़ संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका...
ऋषिकेश। हमारे संवाददाता
अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने गढ़वाली साहित्य के शिल्पकार डा. उमेश चमोला को सम्मानित किया। डा. चमोला ने गढ़ संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई है।
गुरुवार को देहरादून रोड स्थित अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा कार्यालय में हिंदी एवं गढ़वाली के वरिष्ठ साहित्यकार डा. उमेश चमोला के रूसी भाषा के प्रसिद्ध लेखक लियो टॉलस्टाय की सोलह कहानियों का गढ़वाली भाषा में अनुवाद और उसका प्रकाशन कराने पर नवाजा गया। महासभा अध्यक्ष डा. राजे सिंह नेगी ने डा. चमोला को सम्मानित किया। बताया कि डा. चमोला के गढ़वाली में दो उपन्यास, एक खंड काव्य, एक गीत कविता संग्रह, एक व्यंग्य संग्रह और बाल नाटिका संग्रह सहित अब तक कुल 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। साहित्यिकार डा. उमेश चमोला ने बताया कि टॉलस्टाय की कहानियों के माध्यम से उन्होंने गढ़वाली साहित्य को नया शिल्प एवं नई कथा शेली देने का प्रयास किया है। पुस्तक की सारी कहानियां बच्चों के नैतिक विकास में उपयोगी साबित होंगी।