डायरिया से बचाव को किया जागरूक
राष्ट्रीय डायरिया सप्ताह के तहत सीएचसी डोईवाला में जागरूकता अभियान चलाया गया। विशेषज्ञों ने डायरिया होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर...
डोईवाला। संवाददाता
राष्ट्रीय डायरिया सप्ताह के तहत सीएचसी डोईवाला में जागरूकता अभियान चलाया गया। विशेषज्ञों ने डायरिया होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर करने के उपाय बताये।
शनिवार को सीएचसी डोईवाला में स्वामीराम हिमालयन हॉस्पिटल के कम्यूनिटी विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कम्यूनिटी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जयंती सेमवाल ने कहा कि कई राज्यों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत डायरिया से हुई है। देश में हर साल लगभग एक लाख बच्चों की मौत डायरिया से हो जाती है। गर्मी व मानसून के महीने में डायरिया ज्यादा होता है और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बच्चे होते हैं। कहा कि डायरिया होने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इससे व्यक्ति में कमजोरी, सिर चकराना आदि लक्षण आते हैं। ऐसी स्थिति मे शरीर में पानी की कमी न होने दें। जितना हो सके तरल चीजों का सेवन करें। ओआरएस के उपयोग और जिंक की गोलियों के साथ-साथ बच्चे में पर्याप्त पोषण से निर्जलीकरण की स्थिति को रोका जा सकता है। एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से डायरिया से बचाव को दर्शाया व इस विषय पर चर्चा भी की। मौके पर डॉ. रुचि जुयाल, डॉ. दीपशिखा, डॉ. चंद्रा पंत, डॉ. दिव्या, डॉ. कार्तिकेय शुक्ला, संजीत आदि उपस्थित रहे।