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राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में प्राण त्यागे

बुधवार को केवट लीला, दशरथ मरण, भरत मिलाप और चित्रकूट की लीलाओं का मंचन किया गया। दशरथ के पुत्र वियोग में प्राण त्यागने के मंचन से दर्शकों की आंखें भर...

राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में प्राण त्यागे
हिन्दुस्तान टीम,रिषिकेषThu, 03 Oct 2019 05:43 PM
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बुधवार को केवट लीला, दशरथ मरण, भरत मिलाप और चित्रकूट की लीलाओं का मंचन किया गया। दशरथ के पुत्र वियोग में प्राण त्यागने के मंचन से दर्शकों की आंखें भर आई।

केवट लीला में दिखाया गया कि श्री राम को सरयू पार करने के लिए केवट नाम के एक नाविक की मदद लेनी पड़ी। केवट जान गए कि श्री राम अवतारी पुरुष हैं, जिनके छूते ही पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार हो गया। केवट ने श्रीराम से आग्रह किया कि मैं आपके चरण धोकर ही आपको नदी पार कराऊंगा। आज जैसे मैं आपको नदी पार करा रहा हूं, मेरी मृत्यु के बाद आप भी मुझे भवसागर पार कर आएंगे। केवट को देने के लिए श्री राम के पास कोई मुद्रा नहीं थी, इसलिए सीता माता ने उन्हें अपनी अंगूठी दी, जिसे केवट ने लेने से मना किया तो उन्होंने दोबारा इस नदी को पार करते समय इसे वापस लेने का आग्रह किया। दशरथ मरण की लीला में दिखाया गया कि जब मंत्री सुमंत वापस खाली हाथ लौट आते हैं और राजा को बताते हैं कि श्रीराम ने अपने पिता के वचन निभाने के लिए वापस आने से मना कर दिया तो दशरथ अपने पुत्र वियोग में प्राण त्याग देते हैं। जिसकी सूचना राजकुमार भरत को उनके ननिहाल में जा कर दी जाती है। इसके पश्चात भरत और शत्रुघ्न अयोध्या लौटते हैं तो उन्हें सारी बात का पता चलता है। वह माता कैकेयी पर बहुत नाराज होते हैं। मंथरा को धक्के मार कर राज्य से बाहर निकाल देते हैं। इसके बाद पश्चाताप करने के लिए वह श्री राम से मिलने के लिए तीनों माताओं के साथ वन में जाते हैं। जहां श्री राम को सूचना देते हैं कि पिता नहीं रहे, जिससे वहां का माहौल गमगीन हो जाता है। श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता रोते हैं और राज्य वापस आने से मना कर देते हैं। जिसके बाद भरत माताओं को लेकर वापस अयोध्या लौट आते हैं। इसके बाद चित्रकूट की लीला का मंचन किया गया। इस अवसर पर श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाड़ी, निर्देशक मनमीत कुमार, रोहताश पाल, हुकुमचन्द्र, दीपक जोशी, राजेश दिवाकर, विनोद रतूडी, पप्पू पाल, विनायक, मिलन, सुनील नेगी, भारतेंदु शंकर पांडे, नीतीश पाल, सागर कालरा, शशांक पाल, सुभाष पाल, बाली पाल, ललित कुमार, अशोक मौर्य, संजय शर्मा, राजू कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।

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