गौ का सम्मान करने वाला ही है सच्चा सनातनी: गोपाल मणि
कथा मर्मज्ञ गोपाल मणि ने कहा कि गो रक्षा का अर्थ भारत की रक्षा करना है। सच्चे सनातनी वे हैं जो गाय को मां मानते हैं। गो माता की सेवा से जीवन में विनम्रता और ज्ञान आता है। उन्होंने कहा कि रामायण का...

कथा मर्मज्ञ गोपाल मणि ने कहा कि अगर आप गो रक्षा करते हो, तो सीधा सा अर्थ है कि आप भारतवर्ष की भूमि की रक्षा करते हैं। जो लोग गाय को मां का सम्मान देते हैं, वही सच्चे सनातनी होते हैं। हिंदू होने की परिभाषा में पहला शब्द गो माता की भक्ति है। बुधवार को त्रिवेणी घाट में चल रही गो कथा के चौथे दिन कथावाचक गोपाल मणि ने कहा कि जो लोग श्रद्धा भक्ति और विश्वास सहित गो माता की सेवा करते हैं, उनके जीवन में गो माता रक्षा कवच बन जाती हैं। जब हमारे जीवन में विनम्रता आती है तब हमारे जीवन में ज्ञान उतरता है। इस देश का हिन्दू गो माता के लिए सम्मान मांगता है। उन्होंने कहा कि रामायण शब्द का अर्थ ही राम का घर होता है और घर की शोभा पत्नी से होती है। यानी रामायण का अर्थ माता सीता से निकला और सीता धरती से प्रकट हुईं। धरती जब जब प्रकट होती हैं तब-तब वह गो माता का शरीर धारण करती हैं। इसका सीधा सा तात्पर्य है सीता ही गो माता हैं। कम से कम 10 वर्ष तक अपने बच्चों को गो माता की महिमा जरूर सुनानी चाहिए। क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण भी लगभग 10 वर्षों तक गायों के बीच में रहे हैं। मौके पर तुलसी राम बडोनी, तेज राम नौटियाल, बृज लाल रतूड़ी, पुरुषोत्तम चमोली, आचार्य राधेश्याम नौटियाल, आचार्य कुलानन्द कंसवाल, पंडित महावीर खंडूरी, पंडित काशीराम नौटियाल, सुभाष नौटियाल, अजय जुयाल आदि उपस्थित रहे।
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