ऋषिकेश के आदर्श बने छात्रों के लिए ‘आदर्श
आदर्श ने बिना कोचिंग के घर पर ही आईआईटी मैन्स में सफलता अर्जित की ऋषिकेश के आदर्श बने छात्रों के लिए ‘आदर्श ऋषिकेश के आदर्श बने छात्रों के लिए ‘आदर्श ऋषिकेश के आदर्श बने छात्रों के लिए ‘आदर्श ऋषिकेश...
प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। फिर चाहे गरीबी (बीपीएल) हो या शारीरिक अक्षमता। प्रतिभा इन सब बाधाओं को पार कर अपना रास्ता खुद बना लेती है। आईडीपीएल निवासी आदर्श मैंदोला ने भी आर्थिक तंगी से जूझते हुए आईआईटी मैन्स में सफलता प्राप्त की है। ऋषिकेश के आईडीपीएल में किराए के भवन में अपने परिवार के साथ रहे आदर्श मैंदोला केंद्रीय विद्यालय आईडीपीएल से पढ़ाई कर रहे हैं। इस साल 12वीं का एग्जाम दिया है। 10 वीं बोर्ड में आदर्श ने 10 में से 10 सीजीपीए प्राप्त किए थे। आदर्श के पिता विपिन मैंदोला आईडीपीएल में ही एक परचून की दुकान में काम करते हैं। आदर्श बताते हैं कि उनके पिता भी मैकेनिकल इंजीनियर का डिप्लोमा रह चुके हैं। कुछ पारिवारिक वजहों से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी थी। उनके पिता ही उनके गुरू की भूमिका में हैं। पिता की तरह उन्हें भी इंजीनियर बनना है, हालांकि उनका मनपसंद विषय कप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल है। आईआईटी मैन्स क्वालिफाई करने के बाद अब आदर्श घर पर ही आईआईटी-एडवांस की तैयारी में जुटे हैं। अपनी सफलता का श्रेय आदर्श अपने शिक्षकों सहित पिता, माता, दादा, दादी व सभी दोस्तों को देते हैं। परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से आदर्श को आईआईटी मैन्स व एडवांस की कोचिंग न कराने का मलाल है। बताया कि आदर्श की आंखें बचपन से ही कमजोर थीं। उम्र बढ़ने के साथ नजर के साथ रोग भी बढ़ने लगा। कैरेटोकोनस की समस्या के चलते एम्स दिल्ली में आदर्श की दोनों आंखों का ऑपरेशन कराना पड़ा था।