राजस्थान की घटना के विरोध में लोगों ने दिया धरना
राजस्थान के जालोर क्षेत्र में सरस्वती विद्या मंदिर के एक शिक्षक द्वारा पानी का मटका छूने पर कक्षा तीन के छात्र को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में...
राजस्थान के जालोर क्षेत्र में सरस्वती विद्या मंदिर के एक शिक्षक द्वारा पानी का मटका छूने पर कक्षा तीन के छात्र को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में गुस्साए सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को समाजवादी लोकमंच के बैनर तले लखनपुर चौक पर धरना दिया। उन्होंने आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की।
इस दौरान आयोजित सभा का संचालन करते हुए कौशल्या चुनियाल ने कहा कि जातिवाद समाज में नासूर बन चुका है। राजस्थान की घटना दलित उत्पीड़न की एकमात्र घटना नहीं है। आज स्थिति यह है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे दलित भोजनमाता के हाथ का बना भोजन भी करने के लिए तैयार नहीं हैं। गिरीश आर्य ने कहा कि जब तक देश में जातिवाद मौजूद रहेगा, देश में समानता, स्वतंत्रता व भाईचारा स्थापित नहीं हो सकता। मंच के संयोजक मनीष कुमार ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि गत जून माह में कन्हैया लाल की हत्या पर उन्होंने ₹50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की थी। छात्र की मौत के मामले में सरकार पांच लाख का मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि घटना के खिलाफ 19 अगस्त को मालधन चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, भुवन चंद्र, ललित उप्रेती, विद्यावती आर्य, तुलसी छिम्वाल, इंद्रजीत सिंह, संजय कुमार, एमआर टम्टा, एडवोकेट ललित मोहन, संजीव घिल्डियाल, चिंताराम, किरण आर्य आदि मौजूद रहे।