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उत्पीड़न के विरोध में सड़कों पर उतरे वन ग्रामीण

वन विभाग के अधिकारियों पर वन गांवों के विकास कार्यों में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। विरोध में महिलाएं और पुरुषों ने हाईवे पर जुलूस निकाल कर वन गांव में...

उत्पीड़न के विरोध में सड़कों पर उतरे वन ग्रामीण
हिन्दुस्तान टीम,रामनगरTue, 13 Jun 2017 12:31 AM
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वन विभाग के अधिकारियों पर वन गांवों के विकास कार्यों में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। विरोध में महिलाएं और पुरुषों ने हाईवे पर जुलूस निकाल कर वन गांव में विद्युतीकरण, सड़क और पेयजल की समस्या दूर करने की मांग की। उन्होंने एसडीएम दफ्तर के बाहर धरना देकर सीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। सोमवार को शहर के आस-पास बसे 24 वन ग्रामों के लोग वन ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष एसलाल के नेतृत्व में लखनपुर चौक पर एकत्रित हुए। उन्होंने लखनपुर चौराहा से जुलूस निकाला। साथ ही कॉर्बेट और रामनगर वन प्रभाग और तराई पश्चिम वन प्रभाग के बाहर नारेबाजी की। इसके बाद नारेबाजी कर एसडीएम दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा आमडंडा खत्ता, देवी चौड़, सुंदरखाल, टेड़ा खत्ता, रिंगोड़ा खत्ता आदि जगहों पर विद्युतीकरण को 25 लाख रुपये से अधिक का बजट विभाग के पास पड़ा हुआ है। आरोप लगाया कि वन विभाग और कॉर्बेट के अधिकारी खत्तों पर विद्युतीकरण करने पर अड़ंगा लगा रहे हैं। उन्होंने अड़ंगा लगाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की। सीएम त्रिवेंद्र रावत को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा सोमवार को ग्रामीणों ने एसडीएम का घेराव कर शासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि वर्षों से जंगलों के आस-पास रहने वाले लोग मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। गुस्साए लोगों ने रानीखेत रोड पर वन विभाग का पुतला फूंका। वहीं सीएम त्रिवेंद्र रावत को संबोधित ज्ञापन एसडीएम परितोष वर्मा को सौंप मांगों पर जल्द कार्रवाई करने की मांग की। समस्या का निस्तारण न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी। इस मौके पर गणेश रावत, दिनेश मेहरा, हरीश पंचवाल, चंदनराम, हेमा टम्टा, रमेश चंद्र तिवाड़ी, गौरा देवी, देवेंद्र सिंह रावत, ललित कड़ाकोटी, नंदन सिंह, शिवनाथ गोस्वामी, गोपाल राम, रमेश चंद्र आदि मौजूद थे। आश्वासन के भरोसे छोड़ते आए हैं जन प्रतिनिधि वन ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा दिलाने की मांग को कोई भी जनप्रतिनिधि गंभीरता से नहीं लेता है। आलम यह है कि चुनाव के समय वन ग्रामीणों की समस्याओं को मुद्दा बनाने वाले जनप्रतिनिधि विरोध प्रदर्शन के दौरान नजर चुराते दिखाई देते हैं। वन ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष एस लाल ने बताया कि विधानसभा चुनाव में भी जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया।

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