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तीतरी में ग्रामीणों ने किया पंचेश्वर बांध की जनसुनवाई का बहिष्कार -

तीतरी में पंचेश्वर बांध की जनसुनवाई में भारी हंगामा हुआ। प्रभावित क्षेत्र के गांव की महिलाओं ने जमकर नारे लगाए और पंचेश्वर बांध को विनाशकारी बताते हुए उसका बहिष्कार किया। उन्होंने डीपीआर में इस दौरान...

 तीतरी में ग्रामीणों ने किया पंचेश्वर बांध की जनसुनवाई का बहिष्कार
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हिन्दुस्तान टीम,पिथौरागढ़Fri, 25 Aug 2017 05:19 PM
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तीतरी में पंचेश्वर बांध की जनसुनवाई में भारी हंगामा हुआ। प्रभावित क्षेत्र के गांव की महिलाओं ने जमकर नारे लगाए और पंचेश्वर बांध को विनाशकारी बताते हुए उसका बहिष्कार किया। उन्होंने डीपीआर में इस दौरान कई खामियां गिनाई। गुरुवार को पंचेश्वर बांध के निर्माण के लिए तीतरी और सावलीसेरा में जनसुनवाई शुरू हुई। जिसमें ग्राम विकास अधिकारी आर कुमार और ग्राम पंचायत अधिकारी नवीन चंद्र तिवारी ने ग्रामीणों के सामने डीपीआर के प्राविधान पढ़कर सुनाए। डूब क्षेत्र के लोगों ने विस्थापन और मुआवजे के लिए एक तरह का प्राविधान नहीं होने पर तीखा आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जिन बिंदुओं का डीपीआर में जिक्र है वह सब तथ्यों से अलग है। उन्होंने विस्थापन और मुआवजे के लिए लिखित में आश्वासन मांगा। प्रभावित राजनाराण सिंह ने कहा कि तीतरी और सांवलीसेरा की एक समान स्थिति है। कहा कि डीपीआर तीतरी को डूब क्षेत्र बता रही और सांवलीसेरा को प्रभावित तक नहीं दिखाया गया है। कहा कि परियोजना की डीपीआर दिल्ली में बैठकर बनाई गई है, यह हमें मंजूर नहीं है। इसके बाद सभी प्रभावितों ने हंगामा करते हुए जनसुनवाई का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान स्थति कई बार तनावपूर्ण हो गई। जिसे किसी तरह शांत कराया गया। जनसुनवाई में आए अधिकारियों को महिलाओं ने खरी कोटी सुनाई। कहा कि वे अपने पैतृक गांव को किसी भी हाल में छोड़कर नहीं जाएंगी। डीएम स्तर के अधिकारी के बिना कैसी जनसुनवाई अस्कोट। हंसेश्वर मठ के महंत परमान्द गिरी ने कहा कि प्रभावितों की बात सुनने के लिए जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी के साथ परियोजना से जुड़े अधिकारियों का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पहले ग्रामीणों को डीपीआर और परियोजना की पूर्ण जानकारी दी जानी चाहिए। जनसुनवाई को रस्म अदायगी बनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए। प्रभावितों ने फूंका केंद्र और प्रदेश सरकार का पुतला पंचेश्वर बांध की जनुसवाई का बहिष्कार करने के बाद प्रभावितों ने केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगाए और उसका पुतला फूंका। उन्होंने कहा कि सरकार काली नदी को बांधकर दिक्कत को बुलावा दे रही है। शुक्रवार को बांध निर्माण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए प्रभावित क्षेत्र की महिलाओं ने जनसुनवाई स्थल के बाहर तीतरी में केन्द्र व राज्य सरकार का पुतला आग के हवाले किया। इस दौरान नाराज महिलाओं ने कहा काली नदी को बांधकर सरकार अपने साथ इस पूरे क्षेत्र के भविष्य से मजाक कर रही है। उन्होंने डीपीआर में क्षेत्र की अनदेखी के भी आरोप लगाए। डूब क्षेत्र के जीवन सिंह धामी ने कहा कि पिथौरागढ़ में हुई जनसुनवाई को रद्द नहीं किया गया। कहा कि उसे आधार मानकर सरकार ने पर्यावरण की एनओसी ले ली है। इसे मंजूर नहीं किया जा सकता। कहा कि एक सुनियोजित प्रपंच के तहत अब पंचायत स्तर पर आधी अधूरी जानकारी के साथ प्रस्ताव पारित कराए जा रहे हैं। इस प्रपंच को जनता सफल नहीं होने देगी। कई अन्य लोगों ने भी पंचेश्वर बांध का तीखा विरोध किया।

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