तो भाजपा से बगावत कर चुनाव मैदान में डटी रहेंगी सीमा
सीमांत में कांग्रेस और भाजपा में दावेदारों का बगावती रूख सामने आया है। भाजपा नेत्री सीमा रावत ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने...

सीमांत में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा में भी एक के बाद एक दावेदार बगावती रूख अपना रहे हैं। मेयर की टिकट की दावेदार रहीं पूर्व पालिकाध्यक्ष की पत्नी व भाजपा नेत्री सीमा रावत ने भी चुनाव मैदान में डटे रहने का निर्णय लिया है। सोमवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने कहा कि पुराने कार्यकर्ता और जनता के दबाव को देखते हुए उन्होंने चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। कहा कि इस संबंध में उन्होंने कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की। जिसके बाद कार्यकर्ताओं के दवाब को देखते हुए उन्होंने मेयर का चुनाव लड़ने का मन बनाया है। इसकी तैयारी भी उन्होंने शुरू कर दी है। बताया कि एंचोली वार्ड क्षेत्र में उन्होंने जनसंपर्क अभियान चलाया। बीते रोज ही मेयर सीट के लिए उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी किया है। उनके समर्थकों का कहना है कि भाजपा ने टिकट देने में पक्षपात किया है। टिकट की प्रबल दावेदार को दरकिनार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इधर दावेदारों के इस बगावती रूख के बाद भाजपा में भी हलचल तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बगावत करने वाले दावेदारों को मनाने की भी कोशिश चल रही है। राजनीति से जुड़े विशेषज्ञ भाजपा में हो रही बगावत को पार्टी प्रत्याशी के नुकसान के तौर पर भी देख रहे हैं।
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