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नजंग मालपा मार्ग में मलबे ने बढ़ाई लोगों की दिक्कत

सीमांत के उच्च हिमालयी क्षेत्र के प्रवास पर गए लोगों की मुसीबत कम नहीं हो रही है।आपदा के तीन माह बाद भी नजंग मार्ग में जगह-जगह मलबे के ढेर जमा होने के कारण शीतकालीन प्रवास पर लौट रहे लोगों के लिए...

नजंग मालपा मार्ग में मलबे ने बढ़ाई लोगों की दिक्कत
हिन्दुस्तान टीम,पिथौरागढ़Wed, 22 Nov 2017 09:50 PM
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सीमांत के उच्च हिमालयी क्षेत्र के प्रवास पर गए लोगों की मुसीबत कम नहीं हो रही है।आपदा के तीन माह बाद भी नजंग मार्ग में जगह-जगह मलबे के ढेर जमा होने के कारण शीतकालीन प्रवास पर लौट रहे लोगों के लिए अपने मूल गांव वापस लौटना कठिन हो गया है।

भारत चीन व्यापार में शामिल होकर लौटे कई व्यापारी भी इस मार्ग के बेहद खतरनाक होने के कारण चीन से आयात किए गए सामान को धारचूला नहीं पहुंचा पा रहे हैं। मालपा क्षेत्र में 13 अगस्त की मध्य रात्रि को आसमान से आफत की बारिश हुई थी। जिससे इस क्षेत्र में 9लोगों की मौत हो गई थी साथ सेना के 6 जवानों सहित 23 लोग लापता हो गए थे। इस हादसे के बाद दो माह से अधिक समय तक मालपा मार्ग पूरी तरह से बंद रहा था।किसी तरह लोनिवि ने पैदल रास्ते खोले थे।नजंग मालपा से बूंदी मार्ग के निर्माण व आपदा के बाद व्यास घाटी को जोड़ने वाले प्रमुख रास्ते में कई जगह मलबे के जमा हो जाने के कारण लोगों के लिए आवाजाही खतरनाक बनी हुई है।इससे माइग्रेशन गांवों से लौट रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

एक दिसंबर से चार माह के लिए बंद रहेगा पैदल मार्ग पिथौरागढ़। तहसील प्रशासन ने नजंग मालपा से बूंदी तक सड़क बनाने के लिए हो रहे काम को देखते हुए बीआरओ के आग्रह के बाद इस पैदल मार्ग में आवाजाही बंद रखने का निर्णय लिया है।

जल्दी जाने के चक्कर में लोगों में आए दिन हो रहा है विवाद

पिथौरागढ़। नजंग मालपा से बूंदी तक पैदल रास्ते के बंद करने में आठ दिन का समय शेष रह गया है।जिससे वापस आ रहे लोगों में धारचूला पहुंचने की जल्दबाजी के कारण रास्ते में कई बार विवाद हो रहा है। माइग्रेशन में जाने वाले जनजाति परिवारों, सीमांत क्षेत्र में विकास कार्य कर रहे ठेकेदार, श्रमिक और व्यापारी खासे परेशान हैं ।इस मार्ग में अपने खच्चरों को आगे ले जाने की होड़ में खच्चर संचालकों के बीच हुई मारपीट का मामला धारचूला थाने में पहुंचा है।

इन गांव के ग्रामीणों को हो रहीं है दिक्कत

बूंदी, गर्ब्यांग, नपलच्यू, नाभी रौंगकांग, कुटी, गुंजी

तकलाकोट मंडी से लौटे व्यापारियों का सामान भी फंसा

पिथौरागढ़। तकलाकोट मंडी से वापस लौट रहे 90 से अधिक व्यापारियों का सामान गुंजी और गर्ब्यांग में फंसा हुआ है। ये व्यापारी अपने सामान को वहीं छोड़कर धारचूला आ गए हैं। रास्ता बंद करने की जानकारी के बाद अधिकतर खच्चर संचालक वापस लौट गए हैं। इसलिए व्यापारियों को सामान लाने के लिए वहां खच्चर नहीं मिल पा रहे हैं।

भाजपा नेता महेंद्र बुदियाल ने की तिथि बढ़ाने की मांग

पिथौरागढ़। भाजपा नेता महेंद्र बुदियाल ने सीमांत क्षेत्र में चार माह के लिए रास्ता बंद करने के निर्णय को सीमांत के लोगों के लिए बेहद परेशानी बढ़ाने वाला बताया है।कहा कि स्थाई तौर पर व्यास घाटी के गांवों में रहने वाले लोग अपने लिए चार माह की आवश्यक सामग्री एकत्र करने में जुटे हैं।कई व्यापारी तकलाकोट मंडी से लोकर गुंजी में जमा सामान धारचूला लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में मार्ग बंद करने की तिथि को 15 दिसंबर करनी चाहिए।

डेढ़ माह पहले लोगों को जानकारी दे दी गई थी। सड़क निर्माण का काम करना भी आवश्यक है। बीआरओ सीमावर्ती क्षेत्र तक सड़क पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। 21मार्च तक नजंग व वर्ष 2019 तक यह सड़क बूंदी तक पहुंच जाएगी।

-आरके पाण्डे, एसडीएम, उपजिलाधिकारी, धारचूला।

चार माह के लिए मार्ग बंद करने का निर्णय गलत है। सड़क बनाने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए। ऐसा संभव नहीं है तो लोगों को वापस आने के लिए एक दिसंबर के बाद भी 15दिन का समय और दिया जाए। जिससे वे अपना प्रबंध कर सकें।

- मंजुला बुदियाल, जिला पंचायत सदस्य,पिथौरागढ़।

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