अलग ही रखना है तो नेपाल में ही रखें हमें हमारे देश आने दें
लॉकडाउन के बाद भारतीय क्षेत्रों में काम करने वाले नेपाली मजदूर अपने वतन वापसी को धारचूला पहुंचे थे। भारतीय प्रशासन के आग्रह पर भी नेपाल प्रशासन ने पुल नहीं खोला। जिसके बाद नेपाली नगारिकों को कैंपों...
लॉकडाउन के बाद भारतीय क्षेत्रों में काम करने वाले नेपाली मजदूर अपने वतन वापसी को धारचूला पहुंचे थे। भारतीय प्रशासन के आग्रह पर भी नेपाल प्रशासन ने पुल नहीं खोला। जिसके बाद नेपाली नगारिकों को कैंपों में रखा गया है। अब यहां रह रहे नेपाली नागरिकों ने कहा है कि उन्हें अलग ही रखना है तो नेपाल में रखें। हमें अपने देश में प्रवेश करने दें। यहां वतन वापसी के लिए नेपाली नागरिकों का आना लगातार जारी है। स्थानीय प्रशासन ने धारचूला, बलुवाकोट, निगालपानी, जौलजीबी में राहत शिविर बनाए हैं।जिनमें 900 नेपाली रह रहे हैं। राहत शिविरों में मौजूद नेपाली नागरिकों ने कहा कि भारत में ऐसे रहकर अपने परिवारों से दूर ही रहना है तो, नेपाल सरकार हमें वापस अपने देश आने दे। वहां हमारे परिवार हमारे लिए चिंतित हैं। राहत शिविरों में रह रहे अधिकांश लोगों की लॉकडाउन के बाद आजतक अपने परिवारों से बात तक नहीं हो पाई है। अपने वतन होते तो कम से कम उनसे बात तो हो पाती। अपने देश में क्या चल रहा है पता तो चलता। नेपाली नंबरों में पैसे भी खत्म हो गए हैं। इन हालातों में हम यहां कैसे रह सकते हैं। नेपाल सरकार को जल्दी ही निर्णय लेना होगा।
