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स्वयं का मूल्यांकन कर बन सकते हैं आदर्श शिक्षक

राजकीय इंटर कॉलेज कनालीछीना में निजी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान शिक्षकों को पढ़ाने की नई विधाएं बताई गई। प्रशिक्षण में निजी स्कूलों के 110 से अधिक शिक्षक और शिक्षिकाएं प्रतिभाग...

स्वयं का मूल्यांकन कर बन सकते हैं आदर्श शिक्षक
हिन्दुस्तान टीम,पिथौरागढ़Sun, 04 Feb 2018 04:53 PM
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राजकीय इंटर कॉलेज कनालीछीना में निजी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान शिक्षकों को पढ़ाने की नई विधाएं बताई गई। प्रशिक्षण में निजी स्कूलों के 110 से अधिक शिक्षक और शिक्षिकाएं प्रतिभाग कर रही हैं।रविवार को समन्वयक केडी आर्य ने शिक्षकों को पढ़ाने की नई विधाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के मन की बात जानकर उसकी प्रतिभा के अनुसार शिक्षा देनी चाहिए। शिक्षकों को बच्चों की रुचि को भी ध्यान में रखना चाहिए न कि अपनी सोच को उन पर थोपनी चाहिए। सुपरवाइजर डॉ. दीपक कापड़ी ने कहा कि शिक्षक जब तक स्वयं का मूल्यांकन नहीं करता, तब तक वह आदर्श शिक्षक नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए शिक्षकों को भी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की नई विधा से बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने में समक्ष हो सकेंगे। इस मौके पर ललित मोहन बोरा समेत कई लोग मौजूद रहे।

बिना प्रशिक्षण के 2019 के बाद नहीं पढ़ा सकेंगे शिक्षक

कनालीछीना। संदर्भदाता गजेंद्र प्रसाद ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार वर्ष 2009 के अनुसार निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी डीएलएड प्रशिक्षित होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि सरकारी तौर पर वर्ष 2019 के बाद अप्रशिक्षित शिक्षक निजी स्कूलों में अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे।कहा कि निजी स्कूलों में अपनी सेवा दे रहे सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण लेना बेहद जरुरी है।

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