हस्तशिल्प व हथकरघा उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
जिला उद्योग केंद्र हथकरघा व हस्तशिल्प के लिए व्यवसायिक मंच तैयार कर रहा है। इससे प्राचीन हथकरघा, हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जाएगा। सीमांत धारचूला और मुनस्यारी के घोरपट्टा, बुंगा, दरपांगू,...
जिला उद्योग केंद्र हथकरघा व हस्तशिल्प के लिए व्यवसायिक मंच तैयार कर रहा है। इससे प्राचीन हथकरघा, हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जाएगा। सीमांत धारचूला और मुनस्यारी के घोरपट्टा, बुंगा, दरपांगू, कुटियालखेड़ा, सिर्खा की 50 महिला बुनकरों को समूह के माध्यम से बीएडीपी योजना के तहत दो माह का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में नेशनल इंस्ट्यूट ऑफ फैशन टैक्नालॉजी के विशेषज्ञों ने महिलाओं को आधुनिक तरीके से दन, कालीन, सोफा सेट, मैट, दरियां व कैरी बैग्स बनाना सिखाया। उद्योग विभाग महाप्रबंधक कविता भगत ने बताया कि ग्रामीणों के परंपरागत डिजायन को बदल कर उसको आधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है। कहा कि जल्द ही उद्योग विभाग अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले, गांधी शिल्प बाजार, स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो में स्थानीय उत्पादों की प्रर्दशनी लगाएगा। जिले के ऊनी उत्पाद शॉल, पंखी, थुलमा, चुटका, मफरल की काफी मांग रहती है।