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जीजीआईसी कनालीछीना में 6 कक्षों में चल रही हैं 9 कक्षाएं

सीमांत जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और पढ़े चलो-बढ़े चलो के सरकारी दावे हवाई साबित हो रहे हैं। कनालीछीना विकास खंड का एकमात्र बालिका इंटर कॉलेज इसकी बानगी है। सन् 1962 में जूनियर हाईस्कूल के लिए...

जीजीआईसी कनालीछीना में 6 कक्षों में चल रही हैं 9 कक्षाएं
हिन्दुस्तान टीम,पिथौरागढ़Wed, 03 Oct 2018 02:48 PM
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सीमांत जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और पढ़े चलो-बढ़े चलो के सरकारी दावे हवाई साबित हो रहे हैं। कनालीछीना विकास खंड का एकमात्र बालिका इंटर कॉलेज इसकी बानगी है। सन् 1962 में जूनियर हाईस्कूल के लिए बनाए गए टिनशैड में जीजीआईसी का संचालन किया जा रहा है। जर्जर हो चुके भवन और टपकती छत के नीचे बैठ कनालीछीना की बेटियां अपना भविष्य तलाश रही हैं।जीजीआईसी कनालीछीना में छात्राओं के बैठने तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। सन्1962 में पहली बार बने बालिका जूनियर हाईस्कूल के लिए टिनशैड का निर्माण किया गया था। बाद में इस जूहा को उच्चीकृत कर हाईस्कूल और 2007 में इसे बालिका इंटर कॉलेज का दर्जा दे दिया गया।आज भी जूनियर हाईस्कूल के लिए बने छह कमरों में ही इंटर तक की नौ कक्षाओं का संचालन हो रहा है। स्कूल में पढ़ने वाली 117 छात्राओं को बरामदे में बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।विकास खंड में बेटियों के लिए खोले गए एकमात्र इंटर कॉलेज में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की भी तैनाती नहीं की जा सकी । इंटर में रसायन विज्ञान,इतिहास,हिंदी,गृह विज्ञान और हाईस्कूल में अंग्रेजी और कला जैसै महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। जिसके चलते छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बेटियों की इस उपेक्षा से पता चलता है कि देश भर में चलने वाला बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान केवल नारों और सरकारी फाइलों तक ही सीमित रह गया है।

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