आपदा के दौरान पुल, रास्ते बनाने का मजदूरों को नहीं मिला 20लाख
आपदा के दौरान टूटे पैदल पुलों व रास्तों का निर्माण करने वाले मजदूरों को चार माह का लंबा समय बीतने के बाद भी मेहनताना नहीं मिला है। सरकारी विभाग...
मुनस्यारी। हमारे संवाददाता
आपदा के दौरान टूटे पैदल पुलों व रास्तों का निर्माण करने वाले मजदूरों को चार माह का लंबा समय बीतने के बाद भी मेहनताना नहीं मिला है। सरकारी विभाग मजदूरों की मेहनत के 20लाख दबाए बैठे हैं। मजदूरी न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है।
मुनस्यारी में जुलाई की आपदा से कई पैदल पुल व रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिनमें सुरिंगगाड़, साईगाड़, धपुवा, घटगाड़, घोरपट्टा पुल शामिल हैं। सरकारी विभागों ने पुल निर्माण कर आपदा प्रभावितों को राहत तो पहुंचा दी। लेकिन इनके निर्माण में लगे मजदूरों को उनका मेहताना देना भूल गए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इन पुलों व पैदल रास्तों के निर्माण में क्षेत्र के 100से अधिक मजदूरों को काम पर लगाया गया। मजदूरों को काम के बदले लगभग 20लाख की मजदूरी मिलनी थी। लेकिन आपदा के चार माह बाद भी उन्हें मजदूरी के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिल सका है। मजदूरी न मिलने से श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। बावजूद इसके उनकी परेशानी देखने वाला कोई नहीं है। इस मामले में कार्यदाई संस्था लोनिवि के अधिशासी अभियंता से कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
मजदूरी न मिलने से लोगों में आक्रोश
मुनस्यारी। अब तक मजदूर अपना मेहताना मिलने की उम्मीद लगाए थे। लेकिन समय बीतने के साथ ही उनका हौसला भी जवाब देने लगा है। सरकारी मशीनरी की सुस्ती को लेकर श्रमिकों व क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया, मल्ला जोहार समिति के अध्यक्ष श्रीराम सिंह धर्मसक्तू सहित कई लोगों ने कहा आपदा का दर्द सह रहे इन श्रमिकों की परेशानी सरकारी मशीनरी बढ़ा रही है। कहा शीघ्र श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया तो उनको साथ लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।