जिला प्रशासन ने हरेला पर्व पर लिया रई गाड को पुनर्जीवित करने का निर्णय
प्रदेश सरकार के हरेला पर्व पर नदी, गाड-गधेरों को संरक्षित करने के क्रम में इस वर्ष जिला प्रशासन ने रई गाड को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए गाड के किनारे बसे गांवों के लोगों, गैर सरकारी...
प्रदेश सरकार के हरेला पर्व पर नदी, गाड-गधेरों को संरक्षित करने के क्रम में इस वर्ष जिला प्रशासन ने रई गाड को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए गाड के किनारे बसे गांवों के लोगों, गैर सरकारी संगठनों और स्कूलों का सहयोग लेने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को जिला कार्यालय सभागार में हुई बैठक जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने कहा कि इस साल हरेला पर्व पर प्रदेश सरकार के नदी, गाड-गधेरों को संरक्षित करने के निर्देश के क्रम में रई को पुनर्जीवित किया जाएगा। कहा कि गाड मूल स्रोत से लेकर अंत तक पुनर्जीवित करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गाड को पुनर्जीवित करने के लिए स्थानीय लोगों से सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने गाड को पुनर्जीवित करने के लिए अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। पूर्व दर्जा राज्य मंत्री महेन्द्र सिंह लुंठी ने गाड को पुनर्जीवित करने के कार्य में गाड के किनारे बसे लोगों को भी शामिल किए जाने का सुज्ञाव दिया। बैठक में लोगों ने गाड का पुराना नाम यक्षवती नदी, पुन: रखे जाने की मांग की।