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सीएम के पैतृक गांव खैरासैंण से किनोआ की बुआई शुरू

पौड़ी जिले में किनोआ की बुआई की शुरूआत सीएम के पैतृक गांव खैरासैंण से हो गई है। बीते शनिवार को पौड़ी जिले के दौरे पर सीएम ने किनोओ को लेकर चर्चा की थी और किसानों के लिए एक मजबूत आय का साधन बताया था।...

सीएम के पैतृक गांव खैरासैंण से किनोआ की बुआई शुरू
हिन्दुस्तान टीम,पौड़ीMon, 14 Sep 2020 03:20 PM
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पौड़ी जिले में किनोआ की बुआई की शुरूआत सीएम के पैतृक गांव खैरासैंण से हो गई है। बीते शनिवार को पौड़ी जिले के दौरे पर सीएम ने किनोओ को लेकर चर्चा की थी और किसानों के लिए एक मजबूत आय का साधन बताया था। घंडियाल में भी किनोआ की बुआई की जा रही है। जिले में किनोओ की खेती के साथ ही इसकी खरीद के लिए किसानों से अनुबंध भी किया जा रहा है। गुजरात की संस्था ऑर्गेनिक ग्रीनेरी सिस्टम और उत्तराखंड से स्वयं सेवी संस्थान हाईफीड रानीचौरी ने इसका बीड़ा उठाया है। संस्था जिले में किसानों से अनुबंध कर बीज भी उपलब्ध करा रही है। पौड़ी के डीएम धीराज सिंह गब्र्याल के दिशा-निर्देशों पर यह काम एक पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर दिया गया है। किनोआ सुपर फीड माना जाता है और इसका प्रचलन भारतीय बाजारों में भी काफी बढ़ गया है। खास बात यह है कि इसकी खेती के लिए जहां बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है, वहीं जंगली जानवरों से भी इसको कोई खतरा नहीं है। लिहाजा किसानों के लिए मौजूदा हालत में यह खेती आय का जरिया आसानी से बन सकती है। इस दिशा में काम शुरू करते हुए संस्था ने सीएम के पैतृक गांव खैरासैंण से इसकी शुरूआत कर दी। खैरासैंण के साथ ही एकेश्वर ब्लाक के रैसोली और उच्चाकोट में भी इसकी बुआई की जा रही है। संस्था ने यहां कई ग्राम प्रधानों से बात की है। हाईफीड के निदेशक उदित घिल्ड़ियाल ने बताया कि खैरासैंण में सीएम के भाई बृजमोहन रावत ने किनोआ की बुआई की है। यहां अभी अधिकतर खेतों में फसल है लिहाजा खेतों के खाली होने पर इनमें भी किनोआ के लिए तैयार कर लिया जाएगा। मौके पर साथ-साथ किसानों से संस्था किनोआ खरीद के लिए भी अनुबंध कर रही है ताकि बाद में किसानों को बाजार संबंधी किसी दिक्कत से दो-चार न होना पडे़। संस्था के मुताबिक किसानों से पहली खेप कम से कम 35 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीद की जाएगी। दुनिया में सुपर ग्रेन के नाम से पहचान बनाने वाले किनोआ के बीचों में उत्कृष्ट प्रोटीन और फाइबर युक्त खाद्य है। लिहाजा इसकी डिमांड बढ़ती ही चली जा रही है।

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