कलर कल्चर से मिलेगी पौड़ी को पहचान
पौड़ी भ्रमण पर आए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी को एक अलग पहचान दिलाने के लिए पौड़ी कलर कल्चर की बात...
पौड़ी भ्रमण पर आए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी को एक अलग पहचान दिलाने के लिए पौड़ी कलर कल्चर की बात कही। सीएम ने कहा कि शहर के घरों पर एक रंग होगा तो इसकी एक अलग ही पहचान हो जाएगी। जिस तरह से जयपुर को पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है। पौड़ी शहर को नई पहचान दिलाने के लिए लोगों को प्रोत्साहत किया जाएगा। पौड़ी कमिश्नरी की स्वर्ण जयंती समारोह महज कार्यक्रम तक ही सीमित होकर न रहे इसके लिए स्थानीय उत्पादों को पूरी तवज्जो दी जा रही है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के रास्ते बेहतर हो सकेंगे। ब्रिटिश कालीन इस शहर में आज भी ऐसी इमारतें हैं जो तब अंग्रेजों ने बनाई थी और आज तक है। पौड़ी शहर के बीच-बीच स्थित जिला कारागर भी 1901 का है। हालांकि यह अब शिफ्ट होकर खांड्यूसैंण में है। इस जगह को भी एक संग्रहालय के रूप में बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है। पौड़ी में पुराने घरों की छतें अभी भी टिन की है। हालांकि धीरे-धीरे टिन की चादरें सीमेंट और कंक्रीट में तब्दील होनी शुरू हो गई। वहीं जिले का शहर लैंसडौंन भी अंग्रेजों का बसाया शहरों में गिना जाता है। जहां गढ़वाल राइफल का मुख्यायल संचालित हो रहा है। लैंसडौंन भी पर्यटन स्थलों में सुमार है। मेसमोर इंटर कालेज और बंदोबस्त से लेकर डीएम आवास आदि पुराने स्थल अभी भी यहां है। अब कलर कल्चर एक नई पहचान दिलाने में सफल होगा।