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उत्तराखंड में किसान मित्र केंचुओं पर होगा शोध

-राज्य में कैंचुओं की डीएनए बारकोडिंग भी की जाएगी

उत्तराखंड में किसान मित्र केंचुओं पर होगा शोध
हिन्दुस्तान टीम,नैनीतालSun, 23 Sep 2018 07:46 PM
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उत्तराखंड में किसान मित्र कहे जाने वाले केंचुओं पर शोध किया जाएगा। प्रदेश के साथ ही नागालेंड और त्रिपुरा के वैज्ञानिक इस पर शोध करेंगे। कैंचुओं की पहचान के लिए डीएनए बारकोडिंग भी की जाएगी। जैव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की ओर से यह परियोजना स्वीकृत की गई है। कुमाऊं विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि भारत सरकार ने यह महत्वाकांक्षी परियोजना स्वीकृत की है। बताया कि परियोजना के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। कहा कि शोध के तहत कैंचुओं से संबंधित अध्ययन का उपयोग जैविक खेती, पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य मानव कल्याणकारी योजनाओं में किया जाएगा। साथ ही जैविक कूड़े के निस्तारण के लिए कैंचुओं तथा उनसे संबंधित जीवाणुओं पर भी शोध किया जा सकेगा। शोध में उत्तराखंड से प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट शामिल रहेंगे।

किसानों को मिलेगा लाभ

शोध में अधिक खाद तैयार करने वाले केंचुओं की प्रजातियों को अलग किया जाएगा। जिसके बाद किसानों को इनके लाभ के बारे में बताया जाएगा। आधुनिक उपकरणों के साथ शोध कर उत्तम प्रजातियों को अधिक संख्या में तैयार कर किसानों को दिया जाएगा। साथ ही क्षेत्रीय जैविक कूड़े के संवर्धन में भी यह काम आएगा।

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