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सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश से क्षेत्रवासियों को राहत

यहां स्थित झीलों के 2 किमी के परिक्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्थगनादेश देने पर क्षेत्रवासियों को खासी राहत मिली है। मंगलवार को याचिकाकर्ता रेगन...

सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश से क्षेत्रवासियों को राहत
हिन्दुस्तान टीम,नैनीतालTue, 23 Jan 2018 07:15 PM
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यहां स्थित झीलों के 2 किमी के परिक्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्थगनादेश देने पर क्षेत्रवासियों को खासी राहत मिली है। मंगलवार को याचिकाकर्ता रेगन गुप्ता व समाजसेवी दिनेश सांगुड़ी ने नैनीताल में मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा। कहा कि ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य समेत जनप्रतिधियों की मांग के अनुरूप वह आवाज बुलंद कर रहे थे।

रेगन व दिनेश ने कहा कि पूर्व में तारा सिंह राजपूत की ओर से पहाड़ी क्षेत्र में हो रहे अंधाधुंध भवन निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था। प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए न्यायालय में 174/2013 वाद चला। 7 नवंबर 2016 को हाईकोर्ट ने झील के 2 किमी के परिक्षेत्र में निर्माण आदि पर रोक लगा दी। उक्त आदेश के खिलाफ उन्होंने क्षेत्र के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, भीमताल नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश नेगी, व्यापार मंडल अध्यक्ष सौरभ रौतेला व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उनकी याचिका स्वीकार नहीं हो सकी। 8 जनवरी को उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में राइट टू शेल्टर के आर्टिकल 32 के तहत याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 226 के तहत इसके लिए संबंधित प्रदेश की हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसपीएल (स्पेशल लाइव पिटिसन) दायर की। इसमें हाईकोर्ट के 7 नवंबर 2016 के आदेश को भी चुनौती दी गई। इस पर सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने स्टे दिया है।

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