राज्य सरकार और ऊर्जा निगम चार सप्ताह में जवाब दें
प्रदेश मुख्यालय देहरादून में मोहनपुर पावर हाउस से केहरी गांव होते हुए झाझरा जाने वाली 11 हजार केवी की बिजली लाइन को खतरनाक बताने और इससे होने वाले खतरे को दूर करने की मांग से संबंधित पत्र शुक्रवार को...
प्रदेश मुख्यालय देहरादून में मोहनपुर पावर हाउस से केहरी गांव होते हुए झाझरा जाने वाली 11 हजार केवी की बिजली लाइन को खतरनाक बताने और इससे होने वाले खतरे को दूर करने की मांग से संबंधित पत्र शुक्रवार को हाईकोर्ट पहुंचा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की संयुक्त खंडपीठ ने इस पत्र को याचिका के रूप में स्वीकारते हुए मामले में सुनवाई की। इसमें राज्य सरकार तथा ऊर्जा निगम से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
मोहनपुर प्रेमनगर, देहरादून निवासी विजय सिंह रावत ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि यहां स्थित पावर हाउस से मोहनपुर को जाने वाली 11 हजार केवी की लाइन 50 वर्ष पुरानी है। इसके तार झुके होने के चलते पूर्व में तीन लागों की मौत भी हो चुकी है। बिजली लाइन से खतरे को देखते हुए लाइन भूमिगत करने के लिए 2015-16 में 3.5 करोड़ और 2016-17 में 4 .5 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की गई, लेकिन इस पर अब तक कार्य शुरू नहीं हो सका है। मुख्य न्यायाधीश वाली खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार तथा ऊर्जा निगम को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।