हरिद्वार एसएसपी और गृह सचिव को पक्षकार बनाया
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हरिद्वार के रामबडेरी गांव में प्रधान और उनके पति द्वारा सरकार से आबंटित धनराशि के खर्च में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई...
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हरिद्वार के रामबडेरी गांव में प्रधान और उनके पति के सरकार से आवंटित धनराशि के खर्च में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई की। न्यायालय ने एसएसपी हरिद्वार और गृह सचिव को स्वतः संज्ञान लेकर पक्षकार बनाया तथा दो दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा।
न्यायालय ने पूछा है कि अभी तक इनके वित्तीय अधिकार सीज क्यों नहीं किए गए। सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तिथि नियत की गई। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।हरिद्वार निवासी मांगेराम सैनी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि हरिद्वार स्थित रामबडेरी राजपूताना ग्राम सभा के तहत 3 गांव आते हैं। याची ने वहां की प्रधान और गांव के पंचायत सदस्य उनके पति द्वारा सरकार से आवंटित पैसों के खर्च में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे पूर्व 2018 में भी उन्होंने प्रधान और प्रधान पति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी। इसमें आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पड़ताल में ज्ञात हुआ कि उक्त फाइल एसआईटी के कार्यालय में पड़ी है। इसके बाद याची ने डीएम को भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रत्यावेदन दिया। उन्हें बताया कि गांव का हर व्यक्ति इससे प्रभावित हो रहा है। डीएम हरिद्वार ने एसएसपी हरिद्वर से मामले की जांच करने के लिए कहा। जांच अधिकारी ममता बोरा ने सारे अभिलेखों का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालयों में भारी अनियमिततायें की गई हैं। गांव के कब्रिस्तान की दीवार की मरम्मत में भी निम्न स्तर की निर्माण सामग्री का उपयोग किया है। ग्राम प्रधान ने चोरी से गांव की बिजली की लाइन से बिना अनुमति के कनेक्शन लिया है।