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संसद से स्वीकृति बगैर देश में थोपी गई नई शिक्षा निति: डॉ. सद्गोपाल

रचनात्मक शिक्षक मंडल उत्तराखंड की ओर से मंगलवार को नैनीताल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया...

संसद से स्वीकृति बगैर देश में थोपी गई नई शिक्षा निति: डॉ. सद्गोपाल
हिन्दुस्तान टीम,नैनीतालTue, 30 Oct 2018 08:54 PM
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रचनात्मक शिक्षक मंडल उत्तराखंड की ओर से मंगलवार को नैनीताल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षा का संकट और हमारी भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विभिन्न स्थानों से पहुंचे वक्ताओं ने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर विचार रखे। शिक्षाविद् अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अनिल सद्गोपाल ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि मोदी सरकार ने संसद की स्वीकृत के बगैर देश में नई शिक्षा नीति लागू कर दी है। सरकार की हड़बड़ी का कारण विश्व बैंक, विश्व व्यापार संगठन समेत अन्य पूंजीवादी संगठन हैं। उलोवा के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव लोचन साह ने कहा कि नई व्यवस्था देश को गुलामी की ओर धकेलने की शुरुआत है। इसका मुखर विरोध जरूरी है। वरिष्ठ इतिहासकार शेखर पाठक ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने बेहतर उत्तराखंड के सपने के साथ अलग राज्य की लड़ाई लड़ी थी। लेकिन राज्य निर्माण के बाद सत्ताधारियों ने शहीदों के सपनों का तिरस्कार किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यक्ता है। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक हिमांशु पांडे, वरिष्ठ रंगकर्मी जहूर आलम, प्रो. उमा भट्ट, नंदराम आर्य, सुरेंद्र पाल, बीएस मेहता, विनोद पांडे, केबी मेलकानी, महेश जोशी, बालकृष्ण चंद्र, मीनाक्षी कीर्ति, विनिता, कैलाश जोशी आदि मौजूद रहे।

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