प्राधिकरण क्षेत्र की जीआईएस मैपिंग व वीडियोग्राफी के निर्देश
प्राधिकरण का मूल उद्देश्य संबंधित परिक्षेत्र में रहने वाले लोगों के हित में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करना...
कुमाऊं आयुक्त राजीव रौतेला ने कहा कि प्राधिकरण का मूल उद्देश्य संबंधित परिक्षेत्र में रहने वाले लोगों के हित में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ कर क्षेत्र के विकास के साथ मूलभूत सुख सुविधाएं मुहैया कराना है। इसके साथ ही नियोजित विकास भी प्राधिकरण गठन का मूल है। ऐसे में सभी जिलों में प्राधिकरण के अधिकारी इसके अनुरूप कवायद शुरू करें। जिला विकास प्राधिकरण सभागार में नव सृजित जिला स्तरीय प्राधिकरण की बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों का नजरिया नक्शा तैयार करा लें। जिससे भविष्य के अनियोजित विकास पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। कहा कि सैटेलाइट इमेज, रंगीन नजरिया नक्शा, क्षेत्रों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी, जीआईएस मैपिंग के माध्यम से वर्तमान भौगोलिक स्थितियों को भविष्य के लिए सुरक्षित रख लिया जाए। नजरिया नक्शा बनाने में लेखपालों, पटवारियों सहित तकनीकि विभागों के अधिकारियों का भी तालमेल के साथ सदुपयोग किया जाए।आयुक्त ने भूमि चिन्हांकन, पैमाइश आदि की गूढ़ जानकारी के लिए जिला विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों हेतु एक कार्यशाला आयोजित करने के भी निर्देश दिये। कहा कि भूमि से सम्बन्धि प्रकरणों की जॉच मौके पर जाकर करें तथा सभी पक्षों को समय से सूचित कर चरणबद्ध जांच करें। सम्पूर्ण जांच प्रक्रिया का अनुपालन न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। आयुक्त ने जिलाधिकारियों को प्राधिकरण के अन्तर्गत किए जाने वाले कार्यों की गहनता से मानीटरिंग को माह में कम से कम एक बैठक करने, जूनियर इंजीनियरों की उपस्थिति पंजिका की छाया प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्व नोटिफाइड क्षेत्र प्राधिकरण में उपलब्ध धनराशि की विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराने को कहा। कहा कि नव गठित प्राधिकरणों को आवश्यकतानुसार सीड मनी उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में डीएम डा. सी रविशंकर (पिथौरागढ़), रंजना राजगुरु (बागेश्वर), सुरेन्द्र नाथ पाण्डेय (चंपावत), अपर आयुक्त संजय खेतवाल, अपर जिलाधिकारी आरडी पालीवाल, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक एसके पन्त, मुख्य कोषाधिकारी एचपी गंगवार आदि मौजूद रहे।