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नैनीताल का पर्यटन सीजन कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ा,होटलों में बुकिंंग कैंसिल

कोविड-19 की पहली दस्तक से बीते वर्ष चौपट हुए पर्यटन सीजन के बाद हालांकि अक्तूबर से मार्च तक हालात समान्य रहे। लेकिन अब कोविड की दूसरी दस्तक से इस बार का पर्यटन की कोरोना कहर की भेंट चढ़ गया है। होटल...

नैनीताल का पर्यटन सीजन कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ा,होटलों में बुकिंंग कैंसिल
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 26 Apr 2021 12:22 PM
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कोविड-19 की पहली दस्तक से बीते वर्ष चौपट हुए पर्यटन सीजन के बाद हालांकि अक्तूबर से मार्च तक हालात समान्य रहे। लेकिन अब कोविड की दूसरी दस्तक से इस बार का पर्यटन की कोरोना कहर की भेंट चढ़ गया है। होटल प्रबंधन की ओर से लगभग 50 फीसदी स्टाफ को घर भेज दिया गया है। इस वर्ष 50 फीसदी कर्मचारी घर वापस घर लौट गए हैं, जबकि शेष भी कार्य के प्रति आशंकित हैं। पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक नैनीताल, भीमताल, रामगढ़, मुक्तेश्वर में लगभग 1000 होटल, गेस्ट हाउस, कैंप, स्टे होम आदि हैं। इसमें प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होता है। बीते वर्ष मार्च से सितंबर तक लॉकडाउन के चलते पर्यटन ठप रहा। अक्तूबर से मार्च तक करीब 25 फीसदी कारोबार की प्रतिपूर्ति हुई। इस वर्ष फिर कोविड की दूसरी दस्तक से पर्यटन ठप है। कोरोना की दूसरी लहर से पर्यटन कारोबार ठप है।

लगभग सभी होटल प्रबंधन की ओर से 50 फीसदी स्टाफ को घर भेज दिया गया है। जिन्हें आधा वेतन दिया जा रहा है। 50 फीसदी को पूरे वेतन के साथ रखा गया है।
दिग्विजय बिष्ट, उपाध्यक्ष होटल एसोसिएशन नैनीताल

बीते दिनों होटल एसोसिएशन की बैठक में सभी ने स्टाफ कम करने के लिए हामी भरी। हालांकि होटल बंदी का ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन एसोसिएशन ने स्वेच्छा से होटल बंद करने की छूट दी है। दो वर्ष से होटलियर्स व कर्मचारी प्रतिकूल हालात से गुजर रहे हैं।
आलोक साह,पीआरओ 

कोरोना काल होटल कारोबारियों और कर्मचारियों के लिए पीड़ादायक है। मजबूरी में कर्मचारियों को कम किया जा रहा है। उनके पारिवारिक हालात देखकर कलेजा मुंह को आता है। लेकिन होटल स्वामी अथवा प्रबंधन करे भी तो क्या? 
राजेंद्र कपिल, अध्यक्ष भवाली होटल एसोसिएशन

 

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