‘38वें राष्ट्रीय खेल की वजह से जयपुर नहीं भेजे जा रहे खिलाड़ी
नैनीताल में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान खेल सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल होने के कारण खिलाड़ियों को जयपुर में होने वाली वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने दिया जा रहा है।...

नैनीताल, संवाददाता। राष्ट्रीय सीनियर वॉलीबॉल प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रतिभाग न करने देने के मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में शुक्रवार को भी जारी रही। वर्चुअली पेश हुए खेल सचिव और अतिरिक्त खेल निदेशक ने कोर्ट से कहा कि उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल होने हैं। इसके चलते उत्तराखंड के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय सीनियर वॉलीबॉल प्रतियोगिता के लिए जयपुर नहीं भेजा जा रहा है।
खिलाड़ी प्रशांत सिंह बिष्ट की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वॉलीबॉल फेडरेशन आफ इंडिया (वीएफआई) की तदर्थ कमेटी की ओर से जयपुर में 7 से 13 जनवरी 2025 तक राष्ट्रीय स्तर की सीनियर वॉलीबॉल (महिला-पुरुष) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अधिकांश राज्यों की टीमें भाग ले रही हैं। उत्तराखंड की टीम को भी भाग लेने के लिए बुलाया गया है। प्रदेश के खेल महकमे की ओर से 11 दिसंबर 2024 को तीन सदस्यीय कमेटी के गठन के साथ ही 16 दिसंबर से देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में ट्रायल करने का फैसला किया गया। 12 दिसंबर को अतिरिक्त खेल निदेशक ने ट्रायल पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ता ने कहा कि वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया में गुटबाजी के चलते 2019 से अब तक पांच सालों में कोई भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता नहीं हो पाई है। खिलाड़ियों को खेलने का अवसर नहीं मिल पाया है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से जयपुर प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति देने की मांग की गई। इधर, शुक्रवार को मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापस ले लिया। कोर्ट के आदेश पर खेल सचिव और अतिरिक्त निदेशक अदालत में वर्चुअली पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में ही आयोजित होने हैं। जिसके चलते उन्हें जयपुर नहीं भेजा जा रहा है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।