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पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर एफआईआर-चार्जशीट रद्द

हाईकोर्ट ने वर्ष 2006 में सितारगंज के चर्चित अंतरराज्यीय वाहन चोरी प्रकरण में गिरोह का पर्दाफाश कर गिरफ्तारी वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ उल्टा एफआईआर और चार्जशीट दाखिल करने के मामले में फैसला दिया...

पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर एफआईआर-चार्जशीट रद्द
हिन्दुस्तान टीम,नैनीतालFri, 17 May 2019 07:10 PM
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हाईकोर्ट ने वर्ष 2006 में सितारगंज के चर्चित अंतरराज्यीय वाहन चोरी प्रकरण में गिरोह का पर्दाफाश कर गिरफ्तारी वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ उल्टा एफआईआर और चार्जशीट दाखिल करने के मामले में फैसला दिया है। न्यायालय ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुई कार्रवाई को आधारहीन मानते हुए उसे रद्द कर दिया। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई।

घटनाक्रम के मुताबिक अगस्त 2006 में सितारगंज के एसओ जीबी पांडे, एसआई उम्मेद सिंह दानू और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पीलीभीत की ओर जा रहे थे। रास्ते में शक के आधार पर एक वाहन की जांच की तो टवेरा गाड़ी के चालक के पास कागजात नहीं थे। पूछताछ में चालक खालिद अहमद ने पुलिस को बताया कि यह टवेरा चोरी की है। उसने कहा कि दो अन्य वाहन भी उसने शाहिद, गुड्डू के साथ मिलकर हरियाणा से चुराए थे, जो उसके आवास पर खड़े हैं। पुलिस ने खालिद के आवास से हरियाणा से चोरी एक आरमाडा और एक मारुति कार भी बरामद की। पुलिस ने खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी। बाद में खालिद ने लोकायुक्त के समक्ष शिकायत कर मामले में उसे झूठा फंसाने की शिकायत की। इस पर तत्कालीन लोकायुक्त के आदेश पर थानाध्यक्ष पांडे, उम्मेद सिंह दानू और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश पर एफआईआर की कार्रवाई हुई और चार्जशीट भी दाखिल की गई। मामले को पुलिसकर्मियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। पुलिसकर्मियों के अधिवक्ता विपुल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि मामले में वादी व जांचकर्ता कोई ऐसा सुबूत पेश नहीं कर सके, जिससे पुलिसकर्मियों पर उन्हें गलत फंसाया जाना या फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला साबित हो सके। कहा कि जब मामला कोर्ट में पहले ही विचाराधीन था तो लोकायुक्त की ओर से एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी उचित नहीं। हाईकोर्ट ने कहा कि खालिद का आपराधिक इतिहास रहा है, पांच मामलों में उस पर आरोप थे। जबकि उसके आवास से चोरी के वाहन बरामद हुए हैं। पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पूर्व नियमानुसार सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई थी। न्यायालय ने सीजेएम ऊधम सिंह नगर की कोर्ट में दाखिल चार्जशीट और समन प्रक्रिया को रद्द करने के आदेश दिए।

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