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बलियानाला के भू-स्खलन की रोकथाम को दोबारा मंथन में जुटे विशेषज्ञ

बलियानाला क्षेत्र में बीती बरसात के दौरान हुए भू-स्खलन के बाद विशेषज्ञ भू-धसांव की रोकथाम को लेकर दोबारा मंथन में जुटे...

बलियानाला के भू-स्खलन की रोकथाम को दोबारा मंथन में जुटे विशेषज्ञ
हिन्दुस्तान टीम,नैनीतालTue, 13 Nov 2018 06:19 PM
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नैनीताल के बलियानाला क्षेत्र में इस साल हुए भू-स्खलन के बाद विशेषज्ञ भू-धंसाव की रोकथाम को लेकर दोबारा मंथन में जुट गए हैं। बीते लंबे समय से दरक रही पहाड़ी के संरक्षण को लेकर मंगलवार को विभिन्न संस्थानों से विशेषज्ञों का दल एक बार फिर नैनीताल पहुंचा है, जो दो दिवसीय सर्वे के बाद रिपोर्ट तैयार कर 15 नवंबर को हाईकोर्ट और शासन को सौंपेगा।दरअसल हाईकोर्ट ने प्रभावित क्षेत्र का पुन: निरीक्षण कर संसोधित रिपोर्ट पेश करने को कहा। इसी क्रम में मंगलवार को विशेषज्ञों का पैनल नैनीताल पहुंच गया है। इस दौरान वैज्ञानिकों ने नैनीताल क्लब स्थित सभागार में बैठक कर मंथन किया। इसके बाद प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण भी किया। विशेषज्ञों के अनुसार संसोधित रिपोर्ट तैयार कर 15 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी। सर्वे करने वाली टीम में एफआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजेंद्र पनवल, आईआईटी रुड़की के प्रो. सत्येंद्र मित्तल, वाडिया के डॉ. के लुईरे, डीएमएमसी के डॉ. कृष्णा, पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर केपी जोशी, एरिगेशन के चीफ इंजीनियर एमसी पांडे आदि रहे। पानी का रिसाव नैनीताल के लिए खतराविशेषज्ञों की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट की यदि बात की जाए तो इसमें भू-स्खलन के कई कारण तथा सुझाव शामिल किए गए हैं। लेकिन इसमें मुख्य कारण पानी का रिसाव भी बताया जा रहा है। बलियानाला क्षेत्र में लगातार बह रहे पानी और भूमि की कमजोर लेयर से नैनीताल को खतरा हो सकता है। इसके चलते पहाड़ी लगातार दरक रही है। वैज्ञानिकों ने पहाड़ी के संरक्षण को लेकर कई सुझावों पर आधारित रिपोर्ट तैयार की है। इसमें शासन स्तर पर निर्णय लिया जाना शेष है।

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